मुंबई: पालघर मॉब लिंचिंग मामले में महाराष्ट्र सरकार ने शीर्ष अदालत को बताया कि हमने विभागीय जांच के बाद 18 पुलिसकर्मियों के खिलाफ एक्शन लिया है. इसके साथ ही महाराष्ट्र सरकार ने मामले की जांच CBI से नहीं कराने की बात कही है. सरकार ने कहा कि इस मामले की सीबीआई जांच की आवश्यकता नहीं है. दरअसल, शीर्ष अदालत ने बीते दिनों ही महाराष्ट्र पुलिस से पूछा था कि उन्होंने दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ क्या कदम उठाया है. इसके साथ ही CBI जांच पर भी सवाल-जवाब किया था. उल्लेखनीय है कि सुशांत सिंह राजपूत की मौत की जांच की जिम्मेदारी CBI को सौंपने के बाद अब संतों ने भी पालघर भीड़ हिंसा के मामले की जांच CBI द्वारा कराए जाने की मांग उठाई थी. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (ABAP) ने मांग की थी कि 16 अप्रैल को महाराष्ट्र के पालघर में दो साधुओं की नृशंस हिंसा की जांच भी CBI से कराई जाए. परिषद के प्रमुख नरेंद्र गिरि ने कहा था कि CBI जांच के लिए यदि आवश्यकता पड़ी तो अखाड़ा परिषद द्वारा अदालत का दरवाजा भी खटखटाया जाएगा. 16 अप्रैल की रात को देशभर में लागू लॉकडाउन के बीच दो साधू एक कार में सवार होकर ड्राइवर के साथ मुंबई के कांदिवली से गुजरात के सूरत में एक अंतिम संस्कार में जा रहे थे. इस बीच गडचिनचाइल गांव में एक भीड़ ने पुलिस टीम की उपस्थिति में उन पर हमला किया और निर्दयता के साथ उनकी हत्या कर दी गई थी. पेट्रोल-डीजल की कीमतों में क्या हुआ बदलाव ? यहाँ जानें आज के भाव सोने-चांदी के भाव में आई गिरावट, जानिए क्या है विशेषज्ञों की सलाह केरल बना भारत का सबसे साक्षर राज्य