चंद्रपुर: महाराष्ट्र (Maharashtra) में चरवाहा सरपंच बनाया गया है। चंद्रपुर में बल्लारपुर तहसील के बामनी गांव के व्यक्तियों ने चरवाहे को अपना सरपंच चुना। चरवाहे को चुनाव लड़ाने के लिए ग्रामीणों ने चंदा भी जोड़ा था। साथ ही उसके लिए साइकिल से चुनाव प्रचार किया गया। तत्पश्चात, ग्रामीणों ने उसे भरपूर वोट देकर जीत दिलाई। चरवाहे की जीत में गांव के युवाओं का सबसे बड़ा योगदान रहा। दरसअल, 55 वर्षीय प्रल्हाद बुधाजी आलाम आदिवासी समाज के हैं। बामनी गांव रहते हैं। घर की माली हालत ठीक नहीं होने की वजह से गांव में लोगों के जानवरों को चराने ले जाते हैं। इसके अतिरिक्त खेती-मजदूरी करके जो भी कमाई होती है उससे अपने परिवार का पालन पोषण करते हैं। गांव में प्रल्हाद बुधाजी की पहचान भले आदमी की है। क्योंकि प्रल्हाद हमेशा गांव के लोगों के सुख दुःख खड़े रहते हैं। प्रल्हाद आलाम ने ग्राम पंचायत चुनाव में सरपंच पद के लिए निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकम भरा। उनके सामने भाजपा एवं कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी खड़े हुए थे। फिर भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। लेकिन, परेशानी तब खड़ी हो गई थी जब उनके पास चुनाव में लड़ने के लिए न तो पर्याप्त धन था तथा न ही समर्थक। ऐसे में प्रह्लाद अकेले ही अपनी साइकिल पर स्वयं का प्रचार करते हुए घूमने लगे। गांव के लोगों ऐसा करने पर प्रल्हाद का मजाक भी बनाया, लेकिन बोलते हैं- "कौन कहता है आसमान में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों" आलाम की सादगी एवं ईमानदारी को देखते हुए उनके गांव के युवा मदद के आगे आए। युवाओं ने आलम के चंदा इकठ्ठा किया, जिससे चुनाव लड़ने में मदद प्राप्त हो। इसके अतिरिक्त प्रल्हाद के लिए पूरी पंचायत में खूब प्रचार भी किया। सिद्धू मूसेवाला के घर पहुंचे चन्नी, पंजाब पुलिस ने थमाया समन, 12 जनवरी को कोर्ट में पेशी दिल्ली शराब घोटाला: ED की चार्जशीट में संजय सिंह- सिसोदिया का भी जिक्र, जानिए मामला ? जिस गाँव में कोई ईसाई नहीं, वहां पंचायत की अनुमति के बिना बन रहा चर्च, ग्रामीणों में आक्रोश