नई दिल्ली: मराठा आरक्षण पर उप-कैबिनेट कमिटी का नेतृत्व करने वाले महाराष्ट्र के राज्य मंत्री अशोक चह्वाण ने कहा कि राज्य सरकार शीर्ष अदालत में अपील करना चाहेगी कि मराठा आरक्षण मामले पर लगा स्टे हटाकर मामले की सुनवाई एक संवैधानिक बेंच के जरिए की जाए। उन्होंने बताया कि मामले की सुनवाई तीन जजों की पीठ द्वारा की जानी है। इससे पहले 9 सितंबर को कोर्ट ने मराठा समुदाय के लोगों को नौकरियों व शिक्षा में रिजर्वेशन पर आंतरिक रोक लगा दी थी। महाराष्ट्र सरकार ने मामले को संवैधानिक बेंच में भेजने के लिए याचिका दी थी, जिसे कोर्ट ने विचार के लिए अपने पास रख लिया है। मराठा आरक्षण पर लगी रोक पर सुनवाई मंगलवार (27.10.2020) को तीन न्यायाधीशों की पीठ में होनी है। राज्यमंत्री चह्वान ने कहा हम सर्वोच्च न्यायालय से अपील करेंगे आरक्षण मामले पर रोक लगाने वाली तीन जजों की पीठ की जगह, मामले को संवैधानिक बेंच के पास भेजा जाना चाहिए। संवैधानिक बेंच बनाने की हमारी मांग देश के प्रधान न्यायाधीश (CJI) के पास पेंडिंग है। इसी बीच महाराष्ट्र भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता व सांसद सम्भाजी छत्रपति ने प्रेस वालों से कहा है कि माराठा समुदाय ओबीसी श्रेणी के तहत रिजर्वेशन नहीं मांग रहा बल्कि मराठा समुदाय को सामाजिक, आर्थिक पिछड़ा वर्ग (SEBC) के तहत आरक्षण प्रदान किया जाए। राज्यसभा सांसद सम्भाजी ने कहा कि राज्य सरकार की यह जिम्मेदारी है कि वह शीर्ष अदालत में मराठा समुदाय की तरफ से अपना पक्ष रहे और समुदाय आरक्षण दिलाए। भाजपा नेता हरिद्वार दुबे का विवादित बयान, बोले- BJP में आना ब्राह्मणों की मज़बूरी फंड को लेकर दिल्ली में विवाद जारी, दिल्ली नगर निगम केजरीवाल ने साधा निशाना वल्लभगढ़ मर्डर केस: अनिल विज का बेतुका बयान, बोले- पुलिस किसी को निजी सुरक्षा नहीं दे सकती