मुंबई: राजस्थान के उदयपुर में भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा के समर्थन में पोस्ट करने पर कन्हैया लाल की कट्टरपंथियों द्वारा निर्मम हत्या और अमरावती में भी ऐसे ही हत्या के बीच नागपुर में एक परिवार के डर के मारे शहर छोड़ने का मामला प्रकाश में आया है। एक 22 साल के युवक ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट फॉरवर्ड कर दी थी, जिसके बाद उसे मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों की तरफ से लगातार हत्या की धमकी दी जा रही थी। इस पर पुलिस ने तत्काल कार्रवाई की और युवक पर होने वाले हमले को रोकने का काम किया। युवक ने पोस्ट को फ़ौरन डिलीट कर दिया था, यही नहीं पीड़ित परिवार की तरफ से भी कई बार इस बात पर माफी मांग ली गई थी। लेकिन माफ़ी मांगने के बाद भी बात नहीं बनी और मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों ने उनके बेटे की तस्वीर क्रॉस के साथ साझा कर दी। यही नहीं उन्हें लगातार अंजाम भुगतने की धमकियां दी जा रही थी। इस पर परिवार डर गया और उसने इलाके को ही छोड़ने का निर्णय ले लिया। दो हफ्ते तक परिवार बाहर रहा और फिर लौटा भी तो बेटे को कहीं और ही छोड़ आया। कारोबारी फैमिली इतनी डरी हुई है कि घर के सदस्य बहुत आवश्यक काम होने से ही घर से बाहर निकल रहे हैं और तुरंत घर आने की कोशिश में रहते हैं। सोशल मीडिया पर पोस्ट करने वाले युवक ने कहा कि, 'हमारी मूवमेंट बंद हो गई है। जब एकदम आवश्यक होता है, तभी हम घर से बाहर निकलते हैं।' उन्होंने कहा कि उदयपुर और अमरावती की घटना के बाद से तो हम काफी डरे हुए हैं। परिवार में डर के बारे में बताते हुए युवक के भाई ने कहा कि, 'शुरुआत में तो हमने छोटे भाई का मोबाइल ले लिया था। मगर, अब हम उसे वापस शहर में नहीं बुला पा रहे हैं।' इस बीच पुलिस कोई भी चांस नहीं लेना चाहती है और पीड़ित परिवार को सुरक्षा मुहैया करा दी गई है। इसके साथ ही वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने परिवार के साथ अपने नंबर साझा किए हैं और किसी भी आपातकालीन स्थिति में कॉल करने के लिए कहा है। अग्निवीरों को सर्विस पूरी होने के बाद भी मिलेगा मुफ्त इलाज, सरकार कर रही तैयारी 'अग्निपथ' पर सुनवाई के लिए राजी हुआ सुप्रीम कोर्ट, क्या केंद्र को वापस लेना पड़ेगा ? कुल्लू में दर्दनाक हादसा, खाई में गिरी बस..., स्कूली बच्चों समेत 16 लोगों की मौत