मुंबई: महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार ने उन किसानों को मुआवजे के तौर पर 73.5 करोड़ रुपये दिए हैं, जिन्हें गत वर्ष सितंबर और अक्टूबर में भारी बारिश के दौरान भारी नुकसान झेलना पड़ा था। जिला कलेक्टर राजेश देशमुख ने जानकारी दी है कि ई-केवाईसी स्थिति के सत्यापन के बाद, कुल 85,445 किसानों को उनके बैंक अकाउंट में जमा किए गए मुआवजे के मामले में सीधा लाभ मिला है। रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा कि, वे किसान जो कटाई के चरण में अपनी फसल का 33 फीसद या उससे अधिक गंवा चुके हैं, वे मुआवजे के पात्र थे। बारिश के चलते 40,000 हेक्टेयर से ज्यादा बोई गई सोयाबीन समेत कई खरीफ फसलों को नुकसान हुआ है। जुन्नार और पुरंदर तहसीलों ने सर्वाधिक नुकसान की सूचना दी थी। हालांकि, किसानों और कृषि कार्यकर्ताओं के एक वर्ग ने इस राशि को "मूंगफली" बताते हुए मुआवजे पर निराशा प्रकट की है। एक किसान ने कहा है कि हम इससे एक एकड़ के लिए जरूरी सोयाबीन के बीज की कीमत भी नहीं वसूल सकते हैं। छोटे किसानों को मिले 3000 रुपये वास्तविक नुकसान इससे दोगुना है। किसानों को आर्थिक संकट से बाहर निकालने के लिए सरकार को अपना मानदंड बदलना चाहिए और फसल के नुकसान का 50 फीसद मुआवजा देना चाहिए। किसान ने कहा कि, अक्सर, राजस्व अधिकारी जल्दी जवाब नहीं देते हैं। वास्तविक नुकसान उनकी रिपोर्ट में नहीं दिखता है और किसानों को सरकार से उचित मुआवजा नहीं मिलता है। 'कोर्ट में मिलेंगे..', राहुल गांधी के एक ट्वीट पर भड़के सीएम हिमंता सरमा, दे डाली चेतावनी भीषण गर्मी से बचने के लिए भगवंत मान ने किया बड़ा ऐलान, 2 मई से पूरे पंजाब में होगा ये बदलाव क्या रामनवमी हिंसा का सच छुपा रहीं ममता बनर्जी ? दंगा प्रभावित इलाके में जाने से जांच कमिटी को रोका