मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा में प्रदेश का वर्ष 2017 - 2018 का बजट शनिवार को प्रस्तुत किया गया। राज्य सरकार की ओर से राज्य के वित्तमंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने बजट प्रस्तुत किया। बजट के दौरान कांग्रेस नेताओं ने सदन में नारेबाजी की और अपना विरोध जताया। कांग्रेस विधायकों के हाथ में तख्ती और पोस्टर्स भी थे। विधानसभा अध्यक्ष ने प्रदर्शनकारी विधायकों से बैठने की अपील की। विशेषतौर पर शशिकांत शिंदे और जयकुमार गोर सदन में हंगामा कर रहे थे। विपक्षियों ने किसानों की कर्जा माफी को लेकर अपनी मांग की और हंगामा किया। हंगामा करने वालों में एनसीपी के विधायक भी शामिल थे। वित्तमंत्री ने बजट प्रावधानों को लेकर कहा कि वर्ष 2017 से 2018 के बजट में सिंचाई परियोजना हेतु 8233 करोड़ रूपए आवंटित हुए। इतना ही नहीं सड़क मरम्मतीकरण के लिए 7 हजार करोड़ का प्रावधान किया गया है। उन्होंने घोषणा की कि कृष्णा मराठवाड़ा परियोजना का प्रथम चरण जल वितरण 4 वर्षों में पूरा हो जाएगा। परियोजना के लिए ढाई सौ करोड़ रूपए का विशेष प्रावधान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में आईटीआई की सहायता हेतु 99 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। महात्मा गांधी ईजीजीएस योजना के अंतर्गत कुंओं, तालाबों हेतु 225 करोड़ रूपए के प्रावधान की जानकारी दी गई। वित्तमंत्री ने बताया कि राज्य में बंदरगाह विकास के लिए 70 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि रामई आवास योजना के अंतर्गत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति हेतु 55 हजार घरों का निर्माण करवाया जाएगा। मकान निर्माण 500 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। उन्होंने किसानों के लिए भंडारण सुविधा में सुधार व वैकल्पिक बाजार विकसित करने के लिए 50 करोड़ रूपए के प्रावधान की बात कही। उन्होंने कहा कि औरंगाबाद में केंसर शोध केंद्र स्थापित किया जाएगा। इसके लिए 126 करोड़ रूपए की राशि निर्धारित की जाएगी। राज्य में मेडिकल काॅलेजों के विकास व विस्तार हेतु 55.9 करोड़ रूपए के प्रावधान की बात भी उन्होंने की। महाराष्ट्र में गले की हड्डी बना किसानों के कर्ज माफी का वादा, शिवसेना ने अपनाया विपक्षी रुख Military Hospital :मिलिट्री हॉस्पिटल में आई वैकेंसी के लिए करें अप्लाई भारतीय जीवन बीमा निगम में होगीं भर्तियां