भारत में भगवान शिव के कुल 12 ज्योतिर्लिंग है. इन 12 ज्योतिर्लिंग का हिन्दू धर्म में ख़ास महत्व है. जो मनुष्य इन 12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन कर लेते है. उसका जीवन में कल्याण हो जाता है. इसी सिलसिले में आईये आपको बताते है इन 12 ज्योतिर्लिंगों से 12 जुडी ख़ास बातें- सोमनाथ, सौराष्ट्र(गुजरात) - इस ज्योतिर्लिंग के बारे में मान्यता है कि इसे 17 बार नष्ट करने का प्रयास किया जा चुका है. हर बार इस ज्योतिर्लिंग की फिर से स्थापना की गयी थी. इस ज्योतिर्लिंग की सर्वप्रथम स्थापना स्वयं चंद्रदेव ने की थी. मल्लिकार्जुन, श्रीशैल पर्वत(आँध्रप्रदेश) - इस ज्योतिर्लिंग को कैलाश पर्वत के समान माना जाता है. कहा जाता है की इस ज्योतिर्लिंग के दर्शन मात्रा से ही मनुष्य को अपने सरे पापो से मुक्ति मिल जाती है. महांकालेश्वर, उज्जैन( मध्यप्रदेश) - ये एकमात्र दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग है. यहाँ रोजाना होने होने वाली भस्म आरती दुनिया भर में प्रसिद्ध है. ओम्कारेश्वर, (मध्यप्रदेश) - नर्मदा नदी के तट पर स्थित इस ज्योतिर्लिंग के दर्शन मात्रा से पुरुषार्थ चतुष्टय( धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष) की प्राप्ति होती है. इस ज्योतिर्लिंग का आकर ॐ की तरह है. केदारनाथ, केदार (उत्तराखंड) - केदार छोटी पर स्थित इस ज्योतिर्लिंग को महिष रूपी(भैंस की आकृति) शिव की पीठ माना जाता है. महर्षि रूपी शिव के बाकि 4 अंग हिमालय के 4 तीर्थ पर स्थित है. भीमाशंकर, पुणे(महाराष्ट्र) - जो भी पूरी श्रद्धा के साथ सुबह सूर्य निकालने के साथ ही इस ज्योतिर्लिंग के दर्शन कर लेता है उसके सातो जन्म के पाप से मुक्ति मिल जाती है. विश्वनाथ, वाराणसी(उत्तराखंड) - इस ज्योतिर्लिंग के बारे में कहा जाता है की जब दुनिया पर प्रलय आएगा. उस समय ये ज्योतिर्लिंग वाराणसी को प्रलय से बचाएगा. भगवान शिव ने हिमालय को छोड़ कर यही अपना निवास स्थान बनाया था. त्रयंबकेश्वर, नासिक(महाराष्ट्र) - गोदावरी नदी के पास स्थित इस ज्योतिर्लिंग के साथ भगवान विष्णु और ब्रह्मा भी लिंग के रूप में स्थापित किये गए है. वैधनाथ, दुमका(बिहार) - ये 12 ज्योतिर्लिंग में से सबसे छोटा ज्योतिर्लिंग है. ये ज्योतिर्लिंग केवल 4 इंच लंबा है. रामेश्वर, रामनाथपुरम(तमिलनाडु) - इस शिवलिंग की स्थापना खुद मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम ने की थी. यहाँ के शिवलिंग पर केवल गंगोत्री और हरिद्वार का जल ही चढ़ाया जाता है. नागेश्वर, द्वारकापुरी(गुजरात) - इस ज्योतिर्लिंग के बारे में मान्यता है की ये ज्योतिर्लिंग ज़मीन से 7 फिट नीचे तक गहरा है. धुश्मेश्वर, बेरूल गांव(महाराष्ट्र) - इस ज्योतिर्लिंग के पास शिवालय नाम का एक सरोवर है. कहा जाता है की इसी सरोवर में महादेव ने अपने भक्त धुश्मा के पुत्र को पुनः जीवित करा था. ऐसी ही अन्य खबरों के लिए नीचे लिंक्स पर क्लिक करें :- अपनी राशि के अनुसार करे भगवान् शिव की पूजा, मनोकामना होगी पूरी महाशिवरात्रि विशेष : आखिर क्यों मनाया जाता है ये पर्व? शादी के लिए उत्तम समय, जाने महाशिवरात्रि से जुड़ी और खास बातें