नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरुवार को निष्कासित लोकसभा सदस्य और तृणमूल कांग्रेस (TMC) नेता महुआ मोइत्रा को सरकार द्वारा आवंटित आवास पर कब्जा जारी रखने की अनुमति के लिए संपदा निदेशालय से संपर्क करने को कहा है। अदालत का यह बयान मोइत्रा की याचिका पर सुनवाई करते हुए आया, जिसमें उन्होंने पहले के आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें उन्हें 7 जनवरी तक अपना आधिकारिक बंगला खाली करने का निर्देश दिया गया था। बता दें कि, भारत सरकार के अधीन संपदा निदेशालय द्वारा निर्देश 11 दिसंबर, 2023 को जारी किया गया था। अपनी याचिका में, मोइत्रा ने आग्रह किया था कि आदेश को रद्द कर दिया जाए या वैकल्पिक रूप से, उन्हें 2024 लोकसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने तक आवास पर कब्ज़ा बनाए रखने की अनुमति दी जाए। मामले की सुनवाई करते हुए, न्यायमूर्ति सुब्रमण्यन प्रसाद ने महुआ को "संपदा निदेशालय के समक्ष एक अभ्यावेदन देने" का निर्देश दिया और कहा, "उनकी कार्रवाई कानून के अनुसार की जाएगी।" अदालत ने मोइत्रा को वर्तमान याचिका वापस लेने की भी अनुमति दी, जबकि यह देखते हुए कि कानून किसी निवासी को परिसर से बेदखल करने से पहले नोटिस देना अनिवार्य करता है। अदालत ने कहा, कहने की जरूरत नहीं है कि सरकार याचिकाकर्ता को कानून के मुताबिक बेदखल करने के लिए कदम उठाएगी। उल्लेखनीय है कि, व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी से कथित तौर पर उपहार स्वीकार करने के लिए मोइत्रा को "अनैतिक आचरण" का दोषी ठहराया गया था और 8 दिसंबर, 2023 को लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया था। उन पर संसद की वेबसाइट का अपना यूजर आईडी और पासवर्ड उनके साथ साझा करने का भी आरोप लगाया गया था। लोकसभा द्वारा उन्हें बाहर करने की सिफारिश करने वाली आचार समिति की रिपोर्ट को अपनाने के बाद महुआ ने पहले ही अपने निष्कासन को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे दी है। 'हर बार माफ़ी मांगकर कार्रवाई से नहीं बच सकते..', कांग्रेस नेता पवन खेड़ा को राहत देने से सुप्रीम कोर्ट का इंकार, PM मोदी के पिता पर की थी विवादित टिप्पणी 'इंशाल्लाह, राम मंदिर तोड़कर दोबारा मस्जिद बनाएँगे, जैसा हमारे पूर्वजों ने किया था..', भड़काऊ पोस्ट डालने वाला जिब्रान मकरानी गिरफ्तार '2024 में कांग्रेस की जीत के लिए काम करें, मतभेदों को मीडिया में न लाएं..', पार्टी नेताओं को मल्लिकार्जुन खड़गे ने दी नसीहत