नई दिल्ली: संसद के शीतकालीन सत्र का आज 5वा दिन है। वही महुआ मोइत्रा को लोकसभा से निष्कासित किया गया। 54 दिन पश्चात उनकी सांसदी चली गई। लोकसभा स्पीकर ने कहा कि महुआ का आचरण अनैतिक है। प्रह्लाद जोशी ने महुआ मोइत्रा के खिलाफ प्रस्ताव रखा था, जिसे मंजूर कर लिया गया। वही बीजेपी सांसद अपराजिता सांरगी ने कहा, 'हम सिद्धांतों की बात कर रहे हैं। सभी को बोलने का वक़्त दिया। तब ये वॉक आउट कर गईं। असंवैधानिक शब्दों का उपयोग किया।' वही एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट को लेकर जैसे ही लोकसभा में चर्चा हुई तो TMC सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय ने अनुरोध किया कि महुआ मोइत्रा को सदन के समक्ष अपना पक्ष रखने की इजाजत दी जाए। उन्होंने कहा, 'मैं प्रस्ताव रखता हूं, मेरी पार्टी की प्रवक्ता स्वयं महुआ मोइत्रा होंगी क्योंकि आरोप उनके खिलाफ है। अनर्गल आरोप लगाए गए हैं, चाहे यह सच हो या गलत, इन्हें उन्हें बोलने दीजिए।' वही बीजेपी सांसद हिना गावीत ने कहा कि इस मामले के सामने आने के कारण हमारे सांसदों की छवि खराब हुई है। तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा पर आचार समिति की रिपोर्ट कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी बोलते हैं, 'जैसा कि अधीर रंजन ने कहा यदि हमें इस रिपोर्ट का संज्ञान लेने और फिर सदन के समक्ष अपनी राय रखने के लिए 3-4 दिन का वक़्त दिया गया होता तो आसमान नहीं टूट पड़ता क्योंकि यह एक बहुत ही संवेदनशील मामले पर फैसला लेने जा रहा है। क्या आचार समिति की प्रक्रिया प्राकृतिक न्याय के मौलिक सिद्धांत को दरकिनार कर सकती है, जो दुनिया की हर न्याय प्रणाली का संगठनात्मक सिद्धांत है? अखबार में हमने जो पढ़ा, उसके मुताबिक जिसे आरोपी बनाया गया है, वह अपना बयान पूरा नहीं दे पाई। यह किस तरह की प्रक्रिया है?' 'मर्द की मौत पर मातम नहीं मनाया जाता है...', सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या पर बोले पूर्व सांसद 'यह दशक देवभूमि का, यहां अवसरों की कमी नहीं', PM मोदी ने किया 'उत्तराखंड इन्वेस्टर्स समिट' का आगाज इतने समय के लिए केंद्र सरकार ने लगाया प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध