जामिया हबीबिया मदरसे पर चलेगा बुलडोज़र, अंदर छापे जाते थे नकली नोट

लखनऊ: प्रयागराज प्रशासन ने जामिया हबीबिया मदरसा के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए संस्थान को सील कर दिया है और अवैध गतिविधियों के चलते ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू कर दी है। प्रयागराज के अतरसुइया में स्थित इस मदरसे में 2,700 वर्ग फीट जमीन पर अवैध निर्माण पाया गया और यह उत्तर प्रदेश सरकार के पास पंजीकृत भी नहीं है। 84 सालों से चल रहे इस मदरसे पर कई गंभीर आरोप लगे हैं, जिसमें नकली नोट छापना, आतंकी गतिविधियों के लिए धन जुटाना और अवैध विदेशी धन प्राप्त करना शामिल है। 28 अगस्त को मदरसे में नकली नोटों के कारोबार का पता चलने के बाद ये मामले प्रकाश में आए। नकली नोटों की फैक्ट्री के सिलसिले में कार्यवाहक प्रिंसिपल मौलवी मोहम्मद तफसीरुल आरिफीन को गिरफ्तार किया गया। इसके अलावा प्रिंसिपल के कमरे में भड़काऊ किताबें और स्पीड पोस्ट की पर्चियां भी मिलीं, जिसके बाद खुफिया एजेंसियों ने आगे की जांच शुरू कर दी।

प्रयागराज विकास प्राधिकरण (पीडीए) ने बिना उचित अनुमति के संचालन और निर्माण नियमों का उल्लंघन करने के कारण 4 सितंबर, 2024 को मदरसे को सील कर दिया। प्राधिकरण ने चेतावनी दी है कि सील तोड़ने या संचालन जारी रखने का कोई भी प्रयास अवैध और दंडनीय माना जाएगा। लगभग 100 छात्र नामांकित थे, जिनमें से 70 को सीलिंग के बाद घर भेज दिया गया। जामिया हबीबिया मदरसा से जुड़े मुद्दे ने व्यापक चिंता को उजागर किया है, क्योंकि जांच से पता चला है कि प्रयागराज में 267 मदरसों में से 72 बिना आधिकारिक मान्यता के चल रहे हैं। अल्पसंख्यक विभाग ने यह जानकारी सरकार को भेज दी है और इन गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों के खिलाफ कार्रवाई की उम्मीद है।

मदरसे को कथित तौर पर तुर्की, दुबई और अन्य अरब देशों सहित विभिन्न इस्लामी देशों से पर्याप्त धन प्राप्त हुआ। फंड के प्रवाह और कट्टरपंथी समूहों से संबंधों को ट्रैक करने के लिए जांच जारी है। अधिकारी इन विदेशी लेन-देन से जुड़े खातों और कट्टरपंथी शिक्षा में मदरसे की भागीदारी की भी जांच कर रहे हैं।

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