अग्निपथ विरोधी हिंसा के बीच मर्चेंट नेवी और भारतीय नौसेना के बीच हुआ बड़ा समझौता

नई दिल्ली: अब इंडियन नेवी के कर्मचारी मर्चेंट नेवी में स्थानांतरित हो सकेंगे। इसके लिए भारतीय नौसेना और नौवहन महानिदेशालय (Directorate General of Shipping) के बीच समझौते पर हस्ताक्षर हुए हैं। 20 जून 2022 को हुए MOU के तहत नेवी के सेवारत और रिटायर्ड कर्मचारी मर्चेंट नेवी में सेवाएं दे सकेंगे। नौवहन महानिदेशालय ने अंतरराष्ट्रीय STCW (नाविकों के लिए प्रशिक्षण, प्रमाणन और निगरानी के मानक) परंपरा के मुताबिक, भारतीय नौसेना कर्मियों के प्रमाणीकरण करेगा।

इसे समझौते से नीली अर्थव्यवस्था (Blue Economy) समेत समुद्री क्षेत्र पर भारत सरकार के कुशल और प्रशिक्षित कर्मचारियों का बेहतर इस्तेमाल हो पाएगा। इस परिवर्तन को प्रभावी करने के लिए डीजी शिपिंग द्वारा 2022 के DGS आदेश 17 के जरिए जारी की गई है। यह आदेश नौसेना समुद्री सेवा और भारतीय नौसेना (IN) कर्मियों द्वारा दिए गए उन्नत प्रशिक्षण को विधिवत स्वीकार करता है, जिसमें समुद्री के साथ ही तकनीकी, दोनों सेक्टर में भारतीय नौसेना के करीब सभी अधिकारियों और नाविकों के कैडर शामिल हैं। 

इस योजना से नौसेना कर्मियों को आवश्यक ब्रिजिंग पाठ्यक्रमों और परीक्षाओं से गुजरना होगा। इसके बाद और कुछ मामलों में STCW प्रावधानों के तहत अनिवार्य न्यूनतम व्यापारी जहाज समुद्री सेवा पूरी करने पर सर्टिफिकेट मिलेगा। यह भारतीय नौसेना के कर्मियों को भारत में और साथ ही पूरे विश्व में शिपिंग कंपनियों में मर्चेंट जहाजों पर विभिन्न पदनामों के लिए सहज स्थानांतरण में सहायता करेगा। 

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