भारतीय नौसेना एक कैप्टन की शुक्रवार को पैराग्लाइडिंग के बीच हुए हादसे में मौत हो गई। यह घटना कर्नाटक के कारवार मध्य के पास हुआ। मतृक कैप्टन की पहचान 55 साल मधुसूदन रेड्डी के रूप में हुई है। वो आंध्र प्रदेश के रहने वाले थे। रेड्डी कारवार में भारतीय नौसेना में कार्यरत थे। रेड्डी के परिवार वाले शुक्रवार की प्रातः ही बेंगलुरु से कारवार आए थे। ये सभी लोग शाम को मध्य पर ही मौजूद थे। घटना के बीच पैरामोटर का सहायक बाहर निकल आने में सफल रहा। सहायक को लाइफ गार्ड्स और मछुआरों ने सुरक्षित बचा लिया। रेड्डी के परिवार वालों ने कहा कि उन सभी लोगों ने पैरामोटर से उड़ान भरी थी और अंत में पैराग्लाइडिंग गए थे। ग्लाइडर जब करीब 100 फीट की ऊंचाई पर उड़ान भर रहे थे, उसी बीच कोई तकनीकी खराबी आने इंजन बंद हो गया और नौसेना कैप्टन सागर में जा गिरे। इतना ही उनके साथ पैरापायलट विद्याधर वैद्य भी इस हादसे का शिकार हुए लेकिन वक़्त रहते उन्हें निकाल लिया गया। परन्तु मधुसूदन जो कि एक अच्छे तैराक हैं वो अपनी सीट पर फंस गए थे। ग्लाइडर के गिरने पर वो पानी के अंदर डूब गए थे और उन्हें ढूंढने में भी बहुत समय लग गया। पुलिस का कहना है कि जब तक उन्हें समुद्र के किनारे लाया गया वे जिन्दा थे, लेकिन एम्बुलेंस समय पर ना आने के कारण हॉस्पिटल पहुंचने में देरी हो गई, और डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। कोविड-19 महामारी के चलते पैराग्लाइडिंग गतिविधियों पर पिछले 6 माह से रोक लगी हुई थी। इसे शुक्रवार को ही दोबार खोला गया था और लाइफ गार्ड्स शुक्रवार को ही अपनी ड्यूटी पर लौटे थे। समुद्र में हवा की दिशा के हिसाब से बीच पर पैग्लाइडिंग की जाती है। बताया जा रहा है कि कारवार बीच पर तीन सालों से पैराग्लाइडिंग शुरू हुई है और इतने समय में यह ऐसा पहला हादसा है जिसमें किसी की मौत हुई है। महागठबंधन को लेकर ख़त्म हुआ सस्पेंस, इतनी सीटों पर लड़ेंगी पार्टियां दीपक जलाने से मिलते है कई लाभ, जानिए क्या है फायदे JDU नेता के रिश्तेदार के घर हुई चोरी