आप सभी को बता दें कि हिंदू धर्म के प्रमुख त्यौहारों में शामिल मकर संक्रांति पर भगवान सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं. कहा जाता है हिंदू धर्म में भगवान सूर्य को अघ्र्य देकर पूजा-अर्चना की जाती है, क्योंकि सूर्य देव पृथ्वी पर सभी जीवित प्राणियों का पोषण करते हैं. ऐसे में इस बार मकर संक्रांति सर्वार्थ सिद्धि योग में मनाई जाएगी. आप सभी को बता दें कि मकर संक्रांति पर सूर्य के मकर राशि में आने से मलमास खत्म हो जाएगा और इसके बाद मांगलिक कार्य फिर से शुरू हो जाएंगे.. कहते हैं सूर्य जब मकर, कुंभ, मीन, मेष, वृष और मिथुन राशि में सूर्य रहता है, तब ये ग्रह उत्तरायण होता है और जब सूर्य शेष राशियों कर्क, सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक और धनु राशि में रहता है, तब दक्षिणायन होता है. इस मंत्र का करें जाप - आप सभी को बता दें कि सूर्य मंत्र ऊँ सूर्याय नमः का जाप 108 बार जाप करें क्योंकि इससे भगवान सूर्य देव प्रसन्न हो जाते हैं. मकर संक्रांति के इस विधि से करें पूजा-अर्चना - इसके लिए सूर्यादय से पहले स्नान करें, फिर सूर्यदेव को अघ्र्य दें. अब यदि हो सके तो तीर्थ या पवित्र नदी में स्नान कर पुण्य लाभ लें. इसके बाद तांबे के लोटे में लाल फूल और चावल डालकर सूर्य को जल चढ़ाएं और मंदिर में गुड़ और काले तिल का दान करें. यह करना शुभ माना जाता है. इसके बाद भगवान को गुड़-तिल के लड्डू का भोग लगाएं और भक्तों को प्रसाद वितरित करें, ऐसा करने से आपको बहुत बड़ा लाभ मिल जाएगा. मकर संक्रांति पर जरूर करें इन सूर्य मन्त्रों का जाप, हर मनोकामना होगी पूरी मकर संक्रांति के दिन भूलकर भी ना करें यह काम वरना हो जाएंगे पाप के भागीदार मकर संक्रांति पर इन 4 राशियों पर पड़ेगी सूर्य देव की नजर, हो जाएंगे मालामाल