होली का त्योहार नजदीक है, 25 मार्च को खुशी, रंग, उल्लास का पर्व होली मनाई जाएगी. प्रत्येक वर्ष दिवाली की तर्ज पर होली भी 5 दिन तक मनाई जाती है. फाल्गुन पूर्णिमा पर होलिका दहन, फिर रंगों की होली, द्वितीया तिथि पर होली की भाई दूज और रंग पंचमी होली महोत्सव का अंतिम दिन होता है. होली के रंगों की भांति की लोग चाहते हैं कि उनके जीवन में भी खुशियों के रंग सदा चमकते रहें. हालांकि, त्योहारों के वक़्त खाद्य पदार्थों में मिलावट होने की संभावना ज्यादा रहती है, इसलिए उनकी जगह घर पर ही पारंपरिक व्यंजन बनाकर खाएं। आइए आज आपको होली पर बनने वाले 5 पारंपरिक व्यंजनों की रेसिपी बताते हैं... होली पर बनाएं ये 5 आसान और स्वादिष्ट डिश: 1. गुजिया: सामग्री: मैदा, सूजी, बूंदी, चीनी, खोया, इलायची, घी, तेल विधि: मैदा और सूजी को मिलाकर घी से मोयन लगाकर आटा गूंथ लें। बूंदी को चीनी और पानी में भिगोकर रखें। खोया, इलायची और चीनी को मिलाकर गुजिया का भरावन तैयार करें। आटे की छोटी-छोटी लोई बनाकर बेल लें और उनमें गुजिया का भरावन भरकर बंद कर दें। तेल गरम करके गुजिया को सुनहरा होने तक तल लें। 2. दही भल्ले: सामग्री: उड़द दाल, दही, जीरा, धनिया, हरी मिर्च, पुदीना, इमली की चटनी, लाल मिर्च पाउडर, नमक, तेल विधि: उड़द दाल को धोकर रात भर भिगोकर रखें। सुबह दाल को पीसकर गाढ़ा घोल बना लें। तेल गरम करके छोटे-छोटे भल्ले तल लें। दही को फेंटकर उसमें जीरा, धनिया, हरी मिर्च, पुदीना, इमली की चटनी, लाल मिर्च पाउडर और नमक मिला लें। भल्लों को दही में डुबोकर परोसें। 3. ठंडाई: सामग्री: दूध, खरबूजे के बीज, तरबूज के बीज, बादाम, पिस्ता, गुलाब जल, चीनी, इलायची विधि: खरबूजे के बीज, तरबूज के बीज, बादाम और पिस्ता को रात भर भिगोकर रखें। सुबह इन सभी को पीसकर पेस्ट बना लें। दूध को उबालकर ठंडा कर लें। एक ब्लेंडर में दूध, खरबूजे के बीज, तरबूज के बीज, बादाम, पिस्ता, गुलाब जल, चीनी और इलायची को डालकर अच्छी तरह पीस लें। ठंडाई को ठंडा करके परोसें। 4. बूंदी के लड्डू: सामग्री: बेसन, दही, चीनी, घी, बूंदी, इलायची विधि: बेसन और दही को मिलाकर घोल बना लें। घी गरम करके बूंदी बना लें। चीनी और पानी को मिलाकर चाशनी बना लें। चाशनी में बूंदी और इलायची डालकर अच्छी तरह मिला लें। बूंदी के लड्डू बनाकर परोसें। 5. मठरी: सामग्री: मैदा, सूजी, घी, नमक, अजवायन, तेल विधि: मैदा, सूजी, घी, नमक और अजवायन को मिलाकर आटा गूंथ लें। आटे की छोटी-छोटी लोई बनाकर बेल लें। तेल गरम करके मठरी को सुनहरा होने तक तल लें। यह भी ध्यान रखें: होली पर रंग खेलने के बाद हाथों को अच्छी तरह धोकर ही खाना बनाएं। भोजन को ढककर रखें ताकि रंगों से दूषित न हो। बच्चों को रंगों से दूर रखें और उन्हें रंगों से खेलने के बाद अच्छी तरह धो लें। कब होगा होलिका दहन? जानिए शुभ मुहूर्त रंगभरी एकादशी पर अपनाएं ये चमत्कारी उपाय, दूर होगी हर अड़चन कब है रंगभरी एकादशी? जानिए शुभ मुहूर्त और पूजन विधि