श्रीनगर: जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय ने केंद्र शासित प्रदेश के गृह सचिव आरके गोयल को म्यांमार और बांग्लादेश के अवैध प्रवासियों की पहचान करने और उनकी एक सूची बनाने का निर्देश दिया है। उच्च न्यायालय ने कहा कि यह सूची 6 सप्ताह में तैयार करनी होगी। मुख्य न्यायाधीश पंकज मिथल और जस्टिस मोक्ष खजूरिया काजमी की बेंच ने यह आदेश बुधवार (6 अप्रैल, 2022) को वकील हुनर गुप्ता की तरफ से दाखिल की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया। हुनर गुप्ता ने अपने याचिका में माँग की थी कि म्यांमार और बांग्लादेश के उन सभी अवैध प्रवासियों को चिन्हित किया जाए, जो वहाँ से आकर केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में रहने लगे हैं। जनहित याचिका में म्यांमार और बांग्लादेश के सभी अवैध प्रवासियों को केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर से किसी अन्य जगह पर शिफ्ट करने का निर्देश देने की भी माँग की गई है। हुनर गुप्ता ने इसके पीछे दलील दी है कि जम्मू कश्मीर सरकार ने इनके लिए कोई शरणार्थी शिविर नहीं बनाया है और न ही संयुक्त राष्ट्र (UN) ने जम्मू कश्मीर में इनके लिए किसी शिविर को स्थापित करने का ऐलान किया था। इसके साथ ही याचिकाकर्ता ने कोर्ट माँग की है कि सरकारी खजाने से बांग्लादेशी और म्यांमार के अवैध प्रवासियों को दिए गए सभी लाभों को वापस ले लिया जाए और जम्मू-कश्मीर के नागरिकों के लिए योजना और लाभों को वापस दिया जाए। वकील गुप्ता का कहना था कि प्रवासी, जम्मू कश्मीर के लोगों के लिए तैयार की गई योजनाओं के तहत सरकारी मदद का फायदा उठा रहे हैं। साथ ही याचिका में जम्मू-कश्मीर में बांग्लादेश और म्यांमार से अवैध प्रवासियों की तादाद में अचानक वृद्धि की तरफ भी संकेत किया गया है। याचिका में बताया गया है कि सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर के विभिन्न क्षेत्रों में 13,400 म्यांमार और बांग्लादेशी अवैध अप्रवासी रह रहे हैं। हालाँकि, असल आँकड़ें इससे कहीं अधिक हैं। नेपाल की बैंक से सीरिया पैसे भेजता था, विदेशी सिम चलाता था.., गोरखनाथ मंदिर पर हमला करने वाले अब्बासी का कच्चा चिट्ठा अब भारत में ही निर्मित किए जाएंगे 300 हथियार और रक्षा उपकरण, राजनाथ सिंह जारी करेंगे तीसरी सूची समय से एक दिन पहले ही ख़त्म हो गया संसद का बजट सत्र, लोकसभा में 129 फीसद हुआ काम