हर इंसान चाहता है कि उसके घर पर सदा माता लक्ष्मी का वास हो। कभी भी दुर्भाग्य घर मे प्रवेश न करे। यह तो आप भी जानते है कि हर चीज का घर में प्रवेश, घर के मुख्य द्वार से ही होता है। अब चाहे वह सौभाग्य हो या फिर दुर्भाग्य, दोनों का ही प्रवेश आपके घर के मुख्य द्वार से ही होता है तय आपको करना है कि आप किस का प्रवेश चाहते है। हालांकि यह तो हम भी जानते है कि आप सौभाग्य का ही प्रवेश चाहेगें लेकिन कभी कभी आपकी ही गलतियों से घर में दुर्भाग्य और कई प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होने लगता है। जिसका कारण आप भी नहीं जान पाते कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है? यहां पर हम आपको कुछ ऐसी ही जानकारी से अवगत कराने जा रहे है जिसे जानकर आप भी यह तय कर पायेगें कि आपको किसे प्रवेश दिलाना है और किसे नहीं। घर के मुख्य द्वार पर कांटेदार पौधे रखने से बचना चाहिए। ऐसे पौधों में नकारात्मक ऊर्जा का वास होता है। यदि ये पौधे दरवाजे पर रखेंगे तो घर में सकारात्मक ऊर्जा प्रवेश नहीं कर पाएगी। साथ ही, देवी-देवताओं की कृपा भी नहीं मिल पाएगी। घर में प्रवेश करते समय ये कांटे हमें चुभ भी सकते हैं। इसी वजह से दरवाजे के आसपास कांटेदार पौधे नहीं रखना चाहिए। अक्सर हम जब भी घर में प्रवेश करते हैं तो प्रवेश करते ही बैठने के लिए कुर्सी या पलंग देखते हैं। ऐसे में दरवाजे के आसपास टूटी कूर्सी या पलंग रखेंगे और उस पर कोई बैठ गया तो वह व्यक्ति गिर भी सकता है। इसीलिए दरवाजे के आसपास ये टूटी चीजें नहीं रखना चाहिए। इस संबंध में एक अन्य मान्यता ये है कि दरवाजे के पास टूटा पलंग रखने से घर में अशांति होती है। परिवार में वाद-विवाद हो सकते हैं। साथ ही, घर में सकारात्मक ऊर्जा प्रवेश नहीं कर पाती है। अधिकतर घरों में जब कोई बर्तन टूट जाते हैं तो उन्हें घर में ही एक तरफ रख दिया जाता है। घर में टूटे-फूटे बर्तन रखना ही नहीं चाहिए। तुरंत घर से बाहर कर देना चाहिए। मुख्य दरवाजे के आसपास टूटे-फूटे बर्तन रखेंगे तो देवी-देवता इन्हें देखकर घर में प्रवेश नहीं करते हैं। घर में नकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है। भाग्य संबंधी बाधाओं को दूर करने के लिए दरवाजे के आसपास ये चीजें नहीं रखना चाहिए। तिजोरी से इन फालतू चीजों को हटायें और रखें यह काम कि चीज घर में रखे सोफे को कुछ इस तरह से रखें मिलेंगे फायदे ही फायदे पंचांग की खासियत से विज्ञान भी भलीभांति परिचित है नहीं हो रही संतान की प्राप्ति तो पढ़ लें ये खबर