इस धनतेरस से दिवाली तक बनाए ये खास डिश

दिवाली का त्योहार हो और मिठाई की बात न हो, ऐसा तो हो ही नहीं सकता! हर साल दीपावली कार्तिक माह की अमावस्या को मनाई जाती है। इस दिन माता लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा की जाती है। दिवाली की तैयारी लोग लगभग एक महीने पहले से शुरू कर देते हैं। इस खास दिन हर घर में कई तरह के पकवान बनाए जाते हैं, खासकर मिठाइयां। दिवाली के पांच दिवसीय पर्व में तरह-तरह की मिठाइयां जैसे रसगुल्ला, रसमलाई, चम-चम, गुझिया, और संदेश बनाई जाती हैं। चलिए जानते हैं कि दिवाली के इन पांच दिनों में किन पांच पारंपरिक मिठाइयों को आसानी से बनाया जा सकता है।

खोया की गुझिया: गुझिया आमतौर पर होली पर बनाई जाती है, लेकिन कई जगहों पर दिवाली पर भी इसे बनाना और खाना पसंद करते हैं। ये मिठाई खोया, मेवे, चीनी और मैदा से बनाई जाती है। इसमें मैदे की पूड़ी के अंदर खोया से बना मीठा मिश्रण भरा जाता है और फिर इसे तेल में डीप फ्राई किया जाता है। ये बहुत ही स्वादिष्ट लगती है।

अनरसे: अनरसे एक पारंपरिक महाराष्ट्रीयन मिठाई है, जिसे बनाने की शुरुआत तीन दिन पहले से कर दी जाती है। ये मिठाई चावल, चीनी और खसखस से बनाई जाती है। इसके एक तरफ मुलायम और दूसरी तरफ थोड़ी कुरकुरी होती है, जो इसे खास बनाती है।

लड्डू: दिवाली में भगवान गणेश की पूजा की जाती है, और इस मौके पर उन्हें लड्डू का भोग लगाया जाता है। खासकर मोतीचूर के लड्डू। इसे घर पर बनाना बहुत आसान है। इसके लिए आपको बेसन और चीनी चाहिए होती है। बेसन से बूंदी बनाकर उसे चाशनी में मिलाकर मोतीचूर के लड्डू बना सकते हैं।

कलाकंद: लक्ष्मी पूजा के मौके पर सफेद दूध की मिठाई का भोग अर्पित किया जाता है। ऐसे में कलाकंद आसानी से घर पर बनाया जा सकता है। ये उत्तर भारत की एक लोकप्रिय मिठाई है, जिसे बनाने के लिए दूध, खोया या पनीर की जरूरत होती है।

मैसूर पाक: मैसूर पाक बहुत ही टेस्टी होती है। ये बेसन, चीनी, घी, और मेवों से बनाई जाती है। मैसूर पाक को घर पर बनाना भी आसान है। भाई दूज के मौके पर भाई का मुंह मीठा करने के लिए इसे टीका करके भी परोसा जा सकता है।

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