ऐसे बनायें आप भी अपने बच्चे का उज्जवल भविष्य

वास्तुशास्त्र मे जीवन की हर वो परेशानी का इलाज समाहित होता है जो की आमतौर पर संभव नहीं हो पाता, वास्तुशास्त्र जीवन को सरल और सुखमय बनाने के उपाये को बताता है। यह दिशानिर्देशों का विज्ञान है। वास्तुशास्त्र के माध्यम से आप अपने बच्चों को बुध्दिमानी और कलात्मक गतिविधियों में श्रेष्ठता प्राप्त करने के लिए इसका महत्व है। बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए हर मां बाप को वास्तु उपाए कि और अपना ध्यान कैंद्रित करना चाहिए। इसी वास्तु के माध्यम से आप अपने बच्चों को हर काम में निपुण होना बना सकते हैं। बस इसके लिए जरूरी है कि आप कुछ वास्तु टिप्स का प्रयोग करें जिसके माध्यम से आप अपने बच्चों का उज्ज्वल भविष्य बना सकते हैं तो चलिए देखते है वह वास्तु टिप्स कौन से हैं?

पढ़ाई में सरस्वती का स्थान कितना महत्त्वपूर्ण है अगर आपके घर के सरस्वती के स्थान में अगर दोष है तो आपके ज्ञान और शिक्षा पर इसका प्रभाव पड सकता है । व्यवसाय के विकास तथा संपत्ती के निर्माण पर अप्रत्यक्ष रूप से इसका प्रभाव पड़ सकता है । सरल वास्तु के विशेषज्ञ आपके घर के सरस्वती स्थान का विश्लेषण करेंगे और आपको कार्यवाही करने के लिए मदद करेंगे ।

बिस्तर पर बैठकर पढ़ाई करने से पढ़ाई के दौरान अध्ययन पर एकाग्रता कम हो जाती है इसलिए बिस्तर पर बैठकर पढ़ाई करने से बचें । बिस्तर पर बैठने से पढ़ाई के लिए अध्ययन में जो गंभीरता उत्पन्न होनी चाहिए वो नहीं होती है ।

पढ़ाई करते समय बच्चों ने कौन-सी दिशा का सामना करना आवश्यक है ? आपके बच्चे की अनुकूल दिशा कौन-सी है ? वास्तु दिशाओं का विज्ञान है और यह दिशाएँ सिर्फ वस्तुओं पर लागू नहीं होती बल्कि व्यक्तियों पर भी होती है । छात्र ने पढ़ाई करते समय अध्ययन में एकाग्रता को बढ़ाने के लिए उसका / उसकी चौथी अनुकूल दिशा का सामना करना चाहिए।

 

 

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