लंदन : मलेशिया की एयरलाईंस का विमान एमएच 17 क्रेश होने के मामले में हाल ही में एक आश्चर्यजनक तथ्य सामने आया है। डच सेफ्टी बोर्ड ने इस मामले में कहा है कि इस प्लेन को बक मिसाईल से टारगेट बनाया गया था। यह मिसाईल रूस समर्थित अलगाववादियों के नियंत्रण वाले यूके्रनी क्षेत्र में दागी गई थी। दूसरी ओर डच सेफ्टी बोर्ड द्वारा अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि इस मामले में कई तरह की फोटो साझा किए गए हैं। इस प्लेन का मलबा जहां गिरा था वहां का भी फोटो लिया गया है। यही नहीं मलबा गिरने वाले क्षेत्र का वीडियो भी लिया गया है। हाॅलैंड की सेफ्टी बोर्ड के दल ने इस मामले में अपनी जांच रिपोर्ट पेश की है। इस मामले में यह बात भी सामने आई है कि 17 जुलाई वर्ष 2014 को यूक्रेन के कीव में मलेशियन एयरलाईंस का प्लेन एमएच 17 क्रैश किया गया है। रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया कि विमान पर बक मिसाईल से वार किया गया। रूस पर आरोप लगे हैं कि यूक्रेन में उसने विद्रोहियों की सहायता की और उन्हें तकनीक प्रदान की। हालांकि रूस ने अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज कर दिया है। उसने यह कहा है कि प्लेन को यूक्रेन की सेना ने निशाना बनाया था। मलेशियाई एयरलाईंस का प्लेन एमएच - 17, 17 जुलाई 2014 को ही क्रैश हुआ था। प्लेन एम्सटर्डम से कुआलालंपुर पहुंच रहा था। रिपोर्ट में इस बात का दावा किया था जिसमें यह कहा गया कि इस प्लेन पर बक मिसाईल से निशाना साधा गया था। उल्लेखनीय है कि इस हादसे में करीब 298 यात्रियों की मौत हो गई थी। प्लेन में इतने ही यात्री सवार थे। बक मिसाईल आॅटोमैटिक लाॅंचर द्वारा चलती है। इसमें राडार तकनीक का उपयोग कर एयरक्राफ्ट या मिसाईल को 75000 फीट की उंचाई पर हवा में समाप्त कर दिया जाता है। एक लांचर करीब 500 मिलियन यूरो होती है।