माले: एक के बाद एक पडोसी देश, भारत से दूरियां बनाते जा रहे हैं, बाहर रिश्ते बेहतर करने की चाहत में भारत अपने पड़ोसी मुल्कों के रवैये को नज़रअंदाज़ कर रहा है. एक समय भारत को अपना मुक्तिदाक्ता मानने वाला द्वीप देश मालदीव, आज भारत द्वारा तोहफे में दिए गए हेलीकाप्टर को भी वापस लौटा रहा है. दरअसल भारत सरकार ने मालदीव को 2 नौसेना हेलिकॉप्टर तोहफे के तौर पर दिए थे जिसका इस्तेमाल वह अपने द्वीपों की निगरानी के लिए करता है. सूत्रों के मुताबिक मालदीव ने एक हेलिकॉप्टर को लौटाते हुए कहा कि वह भारत के ध्रुव अडवॉन्स्ड लाइट हेलिकॉप्टर (एएलएच) की बजाय डॉर्नियर मैरिटाइम सर्विलान्स एयरक्राप्ट चाहता है. जिस हेलिकॉप्टर को मालदीव लौटाना चाहता है वह अद्दू द्वीप पर ऑपरेट करता है. हालांकि भारत सरकार मालदीव की अब्दुल्ला यमीन सरकार के साथ बातचीत कर रही है. मालदीव के सरकारी सूत्र के हवाले से कहा गया कि समुद्र की निगरानी के लिए मालदीव 'डॉर्नियर' हेलिकॉप्टर चाहता था लेकिन भारत ने उसे हल्के वजन का आधुनिक 'ध्रुव' हेलिकॉप्टर भेंट किया था. इसी ध्रुव हेलीकॉप्टर को उसने लौटाने की पेशकश की है, वहीं सूत्रों के अनुसार मालदीव लामू द्वीप पर ऑपरेट कर रहे दूसरे भारतीय हेलिकॉप्टर को भी वापस देने के बारे में सोच रहा है. बता दें कि मालदीव की मौजूदा अब्दुल्ला यामीन सरकार को चीन का करीबी माना जाता है, आपातकाल के समय भी मालदीव ने भारत को नज़रअंदाज़ कर चीन और पाकिस्तान में शांतिदूत भेजे थे. नेपाल और चीन के रिश्तों से भारत चिंतित भारत और नेपाल में बढ़ती दूरियां, कारण चीन चीन की हरकतों पर चुप क्यों है 56 इंच की छाती ?: राहुल गाँधी