माले: मालदीव में चल रहे राजनितिक संकट से उबरने के लिए मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने भारत से मदद मांगी है. नशीद ने कहा है की अब वक़्त आ गया है जब भारत, मालदीव के लिए "मुक्तिदाता" की भूमिका अदा कर, मालदीव को इस मुश्किल घडी से बाहर निकाले, साथ ही नशीद ने भारत से सैन्य हस्तक्षेप करने की भी मांग की है. हालांकि चीन ने सैन्य हस्तक्षेप के विरोध करते हुए कहा है कि. "सैन्य हस्तक्षेप से स्तिथि और बिगड़ जाएगी, मालदीव को बातचीत से इस मसले के हल निकलना चाहिए." नशीद ने ट्वीट किया, ‘‘विवाद को बढाने के लिए हमें आतंरिक ढंग से चीजों को सुलझाने के लिए कहा जा रहा है जिससे संकट और बढ सकता है. मालदीव के लोग भारत की भूमिका को सकारात्मक रूप में देख रहे है. वर्ष 1988 में वे आए, संकट का समाधान किया और चले गए. वे कब्जा करने वाले नहीं थे बल्कि मुक्तिदाता थे. इसलिए मालदीव अब भारत की ओर देख रहा है.’’ " ‘‘हम चाहते है कि भारत सरकार सैन्य समर्थित एक दूत भेजे, जो पूर्व राष्ट्रपति मामून अब्दुल गयूम समेत राजनीतिक कैदियों और न्यायाधीशों को हिरासत से मुक्त कराए.’’ आपो बता दें कि 1988 में भी सेना द्वारा तख़्तापलट किये जाने के समय तत्कालीन राष्ट्रपति अब्दुल गयूम ने भारत से मदद मांगी थी, तब भारत सरकार ने मालदीव को सैन्य सहायता दी थी. अब देखना यह है की मोदी सरकार मालदीव की इस गुहार का क्या जवाब देती है. हवाई हमलों से दहला सीरिया, 31 की मौत सीरिया में फिर हमला, 90 लोगों की मौत और 200 से ज्यादा घायल पाकिस्तानियों को इटली से निकाला