नई दिल्ली: मालदीव में हाल में ही राष्ट्रपति के चुनाव हुए जिसके नतीजे भी आ चुके हैं और नतीजे भारत को खुश करने वाले हैं. मालदीव के चुनाव में भारत को तवज़्ज़ो देने वाले इब्राहिम मोहम्मद सोलिह ने चीन परस्त अब्दुल्ला यामेन को हरा कर जीत दर्ज की है. यामीन के हारने और सोलिह के राष्ट्रपति बनने से मालदीव और भारत के बीच निर्मित हुई कटुता दूर हो सकती है. मालदीव में हार गया चीन, हुई भारत की जीत मालदीव के सूत्रों के अनुसार भारत मालदीव के प्रिय देशों की सूची में शामिल होगा. और हो सकता है कि पीएम मोदी को राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण के कार्यक्रम में आमंत्रित किया जाय. शपथग्रहण का कार्यक्रम नवम्बर में होना तय किया गया है. लेकिन अभी तक अतिथियों के नाम चयनित नही किये गए हैं. अभी अन्य तैयारियों में मालदीव व्यस्त है. अतिथियों से जुड़ी जानकारी अगले सप्ताह तक जारी की जाएगी. मालदीव एक बहुत छोटा सा टापुओं का देश है जो भारत के दक्षिण में हिन्द महासागर में स्थित है. जनसंख्या और आकार में भले ही मालदीव बहुत छोटा है किन्तु सामरिक दृष्टि से बेहद मजबूत स्थिति में है. मालदीव अमरीका से दक्षिण पूर्व एशिया, अरब और दक्षिण पूर्व एशिया और चीन के व्यापारिक रुट में आता है. मालदीव और भारत के रिश्ते इसी लिहाज़ से महत्वपूर्ण हैं, साथ ही मालदीव से भारत बहुत कम समय में आया-जाया जा सकता है. मालदीव में राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान जारी, चुनावी प्रक्रिया से नाराज़ विपक्ष मालदीव के राष्ट्रपति चुनाव में विजयी रहे सोलिह को सबसे पहले पीएम मोदी ने एक नेता के रूप में बधाई दी है. सोलिह और पीएम के मध्य हुई बातचीत में साथ मिलकर काम करने और आपसी संबंधों को लेकर भी बात हुई है. इनता ही नहीं पीएम मोदी ने मालदीव के होने वाले राष्ट्रपति सोलिह को भारत आने का न्यौता भी दिया है जिसे सोलिहा ने स्वीकार कर लिया है. ख़बरें और भी सुर्खियां: ये है देश और दुनिया की अब तक की सबसे बड़ी ख़बरें मौत और तबाही के बीज बो रहे है ईरानी नेता : डोनाल्ड ट्रम्प UNGA : ट्रंप ने भारत की तारीफ करते हुए दी पाकिस्तान को चेतावनी