वाशिंगटन: संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस पश्चिम अफ्रीकी देश माली के घटनाक्रमों पर निरंतर नजर बानी हुई है. जिसके पूर्व देश में एक अप्रत्याशित घटनाक्रम में विद्रोही सैनिकों ने मंगलवार को राष्ट्रपति इब्राहिम बाउबकर कीता के आवास को घेर लिया गया है. और हवा में गोलीबारी करते हुए उन्हें और पीएम बुबौ सीस को हिरासत में लिया जा चुका है, यूएन ने सैन्य विद्रोह की कड़ी निंदा की थी. जिसके साथ ही माली में संयुक्त राष्ट्र मिशन भी स्थिति की बारीकी से निगरानी की जा रही है. वहीं फ्रांस ने राष्ट्रपति इब्राहिम की तत्काल रिहाई की मांग की है. माली फ्रांस का उपनिवेश बढ़ता ही जा रहा है. वर्ष 2012 में भी यहां तख्तापलट कर दिया गया था. मिली जानकारी के अनुसार मंगलवार आधी रात से ठीक पहले राष्ट्रपति कीता ने सरकारी टीवी 'ORTM' पर प्रसारित एक संक्षिप्त संबोधन में अपने इस्तीफे की घोषणा की जा चुकी है. उन्होंने बताया कि उनका इस्तीफा तत्काल प्रभाव से कर दिया गया है. हालांकि अभी उनके कार्यकाल के 3 वर्ष बाकी थे. कीता ने बोला, 'मेरी इच्छा है कि मुझे सत्ता में बनाए रखने के लिए कोई खून नहीं बहाया जाएगा. मैंने पद छोड़ने का निर्णय किया जा चुका है. उन्होंने सरकार और नेशनल असेंबली यानी संसद को भंग करने की घोषणा कर दी थी. कीता को 2013 में लोकतांत्रिक तरीके से राष्ट्रपति चुना गया था और उन्हें पूर्व उपनिवेशवादी फ्रांस और अन्य पश्चिमी देशों का व्यापक समर्थन प्राप्त था. वर्ष के उपरांत उन्हें फिर इस पद के लिए चुना गया. 8 साल पहले भी तख्तापलट: सैनिकों के शस्त्रागार से हथियारों को जब्त किया जा चुका है. सैनिक बामको की सड़कों पर घूमते नजर आए इससे यह और साफ़ हो गया कि राजधानी पर अब उनका नियंत्रण है. हालांकि सैनिकों की ओर से तत्काल कोई बयान भेजा गया है. यह सैनिक उसी बैरक में शामिल हैं, जहां से 8 वर्ष पहले तख्तापलट की घटना को अंजाम दिया जा चुका है. बीते तख्तापलट के उपरांत से ही माली में इस्लामी चरमपंथ बढ़ गया है. संयुक्त राष्ट्र और फ्रांस की तरफ से हालात को नियंत्रण में करने की निरंतर प्रयास की गई, लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ. इमरान खान बोले- अगर हमने इजराइल को मान्यता दी तो हमें कश्मीर छोड़ना पड़ेगा अमेरिका ने दोहराया- सदैव भारत का भरोसेमंद मित्र बना रहेगा US भारत में कभी भी चरम पर पहुंच सकता है कोरोना वायरस