मुंबई: उद्योगपति विजय माल्या को लोन देने में गड़बड़ी के आरोप में सीबीआई ने आईडीबीआई के पूर्व चेयरमैन समेत 8 लोगों को गिरफ्तार किया है. इन 8 लोगों में 4 लोग आईडीबीआई बैंक और बाकी 4 किंगफिशर कंपनी से जुड़े होने की खबर मिली है. सीबीआई के मुताबिक विजय माल्या की कंपनी को गलत तरीके से लोन दिलाने में इन लोगों की भूमिका संदिग्ध पाई गई है. गिरफ्तारी के बाद सभी मुंबई लाए गए सीबीआई ने आईडीबीआई के पूर्व चेयरमैन योगेश अग्रवाल को दिल्ली से गिरफ्तार किया है. सभी आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद सीबीआई उन्हें मुंबई कार्यालय लेकर पहुंची है, जहां उनसे पूछताछ चल रही है. गिरफ्तार 8 लोगों में किंगफिशर कंपनी से ए रघुनाथ, शैलेष निराकर, एसी शाह, अमित बडकरनी हैं. वहीं आईडीबीआई बैंक के पूर्व चेयरमैन योगेश कुमार के अलावा ओवी बुंदेलखंड, एसके वी श्रीनिवासन और आर एस श्रीधर हैं. यूबी के कार्यालयों पर सीबीआई की दबिश वहीं दूसरी ओर सीबीआई ने सोमवार को विजय माल्या की कंपनी यूनाइटेड ब्रेबरीज समूह (यूबी) के कार्यालयों की तलाशी ली. सीबीआई के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. अधिकारी ने बताया, 'सीबीआई के 12 सदस्यीय दल ने दिल्ली की एक अदालत के सर्च वारंट के साथ यूबी सिटी के कार्यालयों की तलाशी ली.' पेपर्स की होगी फॉरेंसिक जांच सूत्रों से पता चला है कि सीबीआई अधिकारी यूबी ऑफिस उन दस्तावेजों की खोज में गए थे, जिनके आधार पर विजय माल्या ने कई बैंकों में लोन के लिए अर्जी दी थी. जांच अधिकारियों को शक है कि ये दस्तावेज गैर कानूनी तरीके से तैयार किए गए थे. इसलिए एजेंसी इन दस्तावेजों को फॉरेंसिक जांच के लिए भी भेजेगी. हालांकि अधिकारी ने सर्च वारंट का कारण बताने से इनकार कर दिया. लेकिन जानकार सूत्रों ने संकेत दिया है कि माल्या और उसके समूह की कंपनियों की एफइआरए उल्लंघन के मामले में तलाशी ली गई है. वहीं, समूह कंपनी ने कहा कि उसके अधिकारियों ने सीबीआई की टीम के साथ सहयोग किया. लोन नहीं चुकाने से माल्या पर शिकंजा दिल्ली की एक अदालत ने 4 नवंबर को एफइआरए उल्लंघन के मामले में कथित तौर पर समन से भागने पर माल्या के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है. सीबीआई ने यह तलाशी ऋण वसूली प्राधिकरण की बंगलुरु पीठ द्वारा माल्या के प्रॉपर्टी को अटैच करने और बेचने के आदेश के तीन दिन बाद की है. माल्या की बंद पड़ी कंपनी किंगफिशर एयरलाइंस लि. द्वारा बैंकों से लिए गए कर्जों को न चुकाने पर प्राधिकरण ने फैसला सुनाया है. गौरतलब है कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की अगुवाई में 17 बैंकों के समूह ने प्राधिकरण की बंगलुरु पीठ से अपील की थी कि माल्या और किंगफिशर से 6,203 करोड़ रुपये के रकम की वसूली की जाए. 26 जुलाई 2013 से कर्ज नहीं चुकाने पर मूल रकम पर 11.5 फीसदी का सालाना ब्याज भी लगाया गया है. फिलहाल विजय माल्या लंदन में हैं और उन्हें एक भारतीय अदालत ने भगोड़ा अपराधी घोषित किया है. और पढ़े- अय्याशी के लिए तीन दोस्तों ने रची दोस्त के अपहरण की साजिश UP में STF की छापेमारी, 17 महिलाओ सहित 7 पुरुष गिरफ्तार नए साल पर इस्तांबुल नाइट क्लब में फायरिंग करने वाला गिरफ्तार