'दिल्ली-यूपी में जाकर करो ये काम...', बंगाल में 'आगज़नी और हिंसा' कर रही मजहबी भीड़ से बोलीं ममता बनर्जी

कोलकाता: पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले में गुरुवार (9 जून, 2022) को उन्मादी प्रदर्शनकारियों की भीड़ ने नेशनल हाईवे को ब्लॉक कर दिया। जिसके कारण यातायात ठप हो गया और लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा। यह प्रदर्शन भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा को निलंबित करने के कुछ दिन बाद किया गया है, जिन्होंने कथित तौर पर पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की थी। सिर पर टोपी और लुंगी पहने हुए प्रदर्शनकारियों ने NH116 पर जमकर बवाल  किया। इस दौरान उन्होंने मजहबी नारे लगाए और टायर जलाए। सोशल मीडिया पर वायरल ही रहे इस प्रदर्शन के वीडियो में आसमान में काला धुआँ फैलते हुए देखा जा सकता है। 

यह नाकाबंदी निबरा (कोना एक्सप्रेसवे-NH 16 जंक्शन) से सुबह लगभग 10:30 बजे शुरू हुई और रात 9:30 बजे ख़त्म हुई। इसके चलते 5 घंटे से ज्यादा समय तक जाम लगा रहा। कई लोगों को अपनी गाड़ियाँ छोड़कर पैदल चलने के लिए विवश होना पड़ा। करीब 20 किमी तक यातायात ठप रहे। आने-जाने वाले लोगों को हो रही दिक्कतों से बेपहरवाह मजहबी भीड़ ने सड़कों पर कब्जा जमाए रखा। वहीं, हावड़ा में यातायात को करीब ठप करने वाली भीड़ पर कार्रवाई करने की जगह, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने उनसे दूसरे राज्यों में जाकर प्रदर्शन करने और लोगों का जीवन बाधित करने के लिए कह डाला। 

ममता बोलीं कि, 'संकीर्ण सियासी लाभ के उद्देश्य से कुछ लोगों की सांप्रदायिक राजनीति की वजह से हम नुकसान क्यों उठाएँ? यूपी, गुजरात में जाकर विरोध करो… जिन राज्यों में भाजपा सत्ता में है। वे बंगाल में सत्ता में नहीं हैं, इसलिए यहाँ पब्लिसिटी के लिए विरोध न करें। हम सभी हाथ जोड़कर आग्रह कर रहे हैं कि नाकाबंदी की सियासत से दूर रहें। कोई एक दिन के लिए उकसाएगा। कल, आसपास कोई नहीं होगा! यदि कल दंगा होता है, तो किसी के पास जवाब नहीं होगा।' ममता ने आगे कहा कि, 'मैं इस प्रकार के हिंसक विरोध का समर्थन नहीं करती। यदि आप सभी इतने नाराज हैं तो दिल्ली जाइए। वहाँ शांति से विरोध प्रदर्शन कीजिए और प्रधानमंत्री का इस्तीफा मांगिए। आप यहाँ समस्या क्यों उत्पन्न कर रहे हैं? मैं आप सभी से शांति बरकरार रखने और विरोध वापस लेने का आग्रह करती हूँ।' बनर्जी के साथ बैठे तृणमूल कांग्रेस (TMC) के मंत्री फिरहाद हकीम ने दावा किया कि इस्लाम शांति का मजहब है और यह अशांति, दंगों या परेशानी का समर्थन नहीं करता है।

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