पश्चिम बंगाल: 'मदरसों में दी जा रही आतंक की शिक्षा', गृह मंत्रालय की रिपोर्ट पर भड़की ममता सरकार

कोलकाता: पश्चिम बंगाल के मदरसों का आतंकियों द्वारा उपयोग किए जाने के केंद्रीय गृह मंत्रालय के दावे पर प्रदेश के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री ने सफाई दी है. उन्होंने कहा है कि, पश्चिम बंगाल सरकार को केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से कोई पत्र नहीं मिला, जिसमें ऐसी किसी बात का उल्लेख हो. गृह मंत्री राज्य की गलत तस्वीर प्रदर्शित कर रहे हैं. वहीं अल्पसंख्यक मामलों और मदरसा शिक्षा मंत्री गयासुद्दीन मुल्ला ने कहा है कि,  यह सही नहीं है. बंगाल में 614 मदरसे हैं, जो वाम सरकार के शासनकाल से चल रहे हैं. 

उन्होंने कहा कि विगत कई वर्षों से कोई नया मदरसा नहीं खुला है. हमारी सरकार के समय एक भी नया मदरसा नहीं खुला है. मुल्ला ने आगे कहा है कि, हम उनकी किताबों इत्यादि से सहायता कर रहे हैं. किन्तु जब उन्होंने इसका विरोध किया तो हमने वह भी रोक दिया. अल्पसंख्यक मंत्री ने कहा है कि, केंद्र या गृह मंत्रालय ने हमें इस तरह का कोई पत्र नहीं भेजा. ये सभी सियासी मसले हैं और इन्हें वे अपने लाभ के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं. लोकसभा चुनाव में भी उन्होंने बंगाल के लोगों को हिंदू और मुस्लिम के बीच बांट दिया है.

दरअसल गृह मंत्रालय की एक रिपोर्ट के अनुसार, बर्दवान और मुर्शिदाबाद में मदरसों का उपयोग करके जमात मुजाहिद्दीन बांग्लादेश (जेएमबी) आतंकियों को भर्ती कर रहा है. जेएमबी को मोदी सरकार ने आतंकी संगठनों की सूची में शामिल किया है. मुल्ला ने आगे कहा कि, केंद्र सरकार बंगाल को तोड़ने का प्रयास कर रही है. वे यहां भी एनआरसी चाहते हैं किन्तु हम इसे बिलकुल बर्दाश्त नहीं करेंगे.

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