कोलकाता: केंद्र सरकार के आदेश का पालन नहीं करते हुए पश्चिम बंगाल की ममता सरकार ने मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय को रिलीव नहीं किया है। बंदोपाध्याय को सोमवार सुबह 10 बजे केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय में पेश होने का आदेश दिया गया था। मंत्रालय ने बंगाल सरकार को उन्हें फ़ौरन रिलीव करने का आदेश दिया था। अब देखना होगा कि केंद्र व ममता सरकार के बीच टकराव का यह मुद्दा कहां तक जाता है। केंद्र सरकार ने बंदोपाध्याय के खिलाफ अनुशासनहीनता के आरोप में कार्रवाई की संभावनाएं खोजना आरंभ कर दी हैं। उन्होंने केंद्र के आदेश का पालन नहीं किया है, इसलिए उन पर कार्रवाई होना पक्का है। बता दें कि बंगाल के मुख्य सचिव बंदोपाध्याय, सीएम ममता बनर्जी के चहेते IAS अधिकारी हैं। उन्होंने सोमवार को तो दिल्ली में तो हाजिरी नहीं दी, लेकिन बंगाल के सचिवालय में बैठक में शामिल हुए। इससे केंद्र का नाराज होना स्वाभाविक है। माना जा रहा है कि पहले तो उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा। बता दें कि बंदोपाध्याय को कोरोना महामारी के कारण हाल ही में ममता सरकार के आग्रह पर केंद्र सरकार ने तीन महीने का सेवा विस्तार दिया है। वैसे वह 31 मई को सेवानिवृत्त होने वाले थे। चूंकि केंद्र ने उन्हें सेवा विस्तार दिया है, इसलिए वह उसे रद्द भी कर सकता है। जानकारों का कहना है कि चूंकि बंदोपाध्याय राज्य सरकार के अधीन पदस्थ हैं, इसलिए केंद्र को प्रतिनियुक्ति से पहले राज्य सरकार की इजाजत लेना थी, आगे किसी कार्रवाई के लिए भी केंद्र को यह इजाजत लेना होगी। CBSE परीक्षाओं को लेकर शिक्षा मंत्री को प्रियंका गांधी का पत्र, कहा- छात्रों की आवाज़ सुननी चाहिए 'मोदी सरकार की ज़ीरो वैक्सीन नीति भारत माता के सीने में ख़ंजर..', केंद्र पर फिर बरसे राहुल गांधी अशोक गहलोत ने दोहराई अपनी मांग, कहा- पूरे देशवासियों को मुफ्त लगना चाहिए कोरोना वैक्सीन