ममता बनर्जी की शरणार्थियों से की ये बड़ी अपील

कोलकाता: पश्चिम बंगाल में शरणार्थियों को मतदाता सूची में सम्मिलित करने को लेकर सियासत होती रहती है। प्रदेश की मुखिया ममता बनर्जी ने आज मतदाता सूची पर चिंता जताते हुए शरणार्थियों से मतदाता सूची में नाम जोड़ने की अपील की। ममता ने कोलकाता में राज्य सरकार द्वारा भूमि वितरण समारोह में यह बात कही। ममता बनर्जी ने कहा कि इतने लोग बांग्लादेश से अपना सब कुछ गंवाकर यहां आए हैं। मार्च 1971 तक वे कानूनी तौर पर भारत के नागरिक हैं। नागरिक होने के पश्चात् भी उनसे कहा गया है कि नागरिक का दर्जा दिया जाएगा। वह बिना नागरिक बने वोट कैसे दे रहे हैं। उनके पास राशन कार्ड एवं आधार कार्ड है। 

ममता ने लोगों से मतदाता सूची में अपना नाम सम्मिलित करने की भी अपील की। उन्होंने कहा कि मतदाता सूची का काम आरम्भ हो गया है। 5 दिसंबर तक आपको देखना होगा कि आपका नाम एनआरसी के नाम से बाहर किया गया है या नहीं। इसलिए मतदान केंद्र पर जाएं और व्यक्तिगत तौर पर देखें कि आपका नाम सम्मिलित है। ममता बनर्जी ने कहा कि निर्धन लोगों को बेदखल नहीं किया जा सकता है। मैंने सुना है कि फ्लाईओवर, रेल के बहाने लोगों को बिना किसी मुआवजे के बेदखल कर दिया जाता है। मैं हमेशा बोलती हूं कि बिना मुआवजा दिए या पुनर्वास किए गरीब लोगों के घरों को बुलडोजर से खाली नहीं होने दिया जाएगा। 

ममता ने यह भी आरोप लगाया कि केंद्र पश्चिम बंगाल को फंड नहीं दे रहा है। उन्होंने कहा कि किसानों को खाद नहीं मिल रही है क्योंकि केंद्र हमें खाद नहीं दे रहा है। हमने इसके लिए केंद्र सरकार को पत्र भी लिखा है। यदि ऐसे ही केंद्र सरकार द्वारा असहयोग प्राप्त हुआ तो हमें खाद निर्माण के बारे में सोचना होगा। ममता ने यह भी कहा कि सियासत के लिए वे प्रदेश को बदनाम कर रहे हैं। वे किसी भी परियोजना के लिए कोई पैसा नहीं दे रहे हैं। कुछ लोग केंद्र सरकार को फंड जारी नहीं करने के लिए चिट्ठी भी लिख रहे हैं। मैं उन लोगों की निंदा करती हूं। यदि ऐसा होता है तो हमें कुछ दिनों के लिए दिक्कत होगी मगर हम आगे मैनेज कर लेंगे।

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