मंदसौर: मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले में 7 वर्षीय बच्ची से सामूहिक दुष्कर्म मामले में आज अदालत ने अंतिम फैसला सुनाते हुए मंदसौर दुष्कर्म में फांसी की सजा सुनाई है. आज न्यायाधीश निशा गुप्ता की अदालत में दोनों आरोपियों को पेश किया गया था, रेप की इस घटना के बाद से देश में लोगों का गुस्सा फूट पड़ा था और लोगों ने जगह-जगह पर विरोध प्रदर्शन किया था साथ ही न्याय की गुहार लगाई थी. मध्य प्रदेश के मंदसौर में सात साल की बच्ची से सामूहिक ज्यादती के मामले में कोर्ट ने रेप और पॉक्सो एक्ट के तहत दोनों आरोपियों को दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई है. जानकारी के अनुसार पुलिस द्वारा इस मामले में 12 जुलाई को न्यायालय में चार्जशीट पेश की थी, 30 जुलाई से इस मामले में सुनवाई शुरू हुई जो 8 अगस्त तक चली. अभियोजन ने करीब 37 गवाहों को पेश किया था। 14 अगस्त को अंतिम बहस हुई थी, न्यायाधीश ने 21 अगस्त को फैसले के लिए तारीख दी थी. यह था पूरा मामला 26 जून को मंदसौर में 7 साल की मासूम बच्ची का स्कूल से अपहरण कर आसिफ और इरफान नाम के युवकों ने बच्ची के साथ बलात्कार की वारदात को अंजाम दिया था और उसका गला रेत कर वहां से फरार हो गए थे. अगले दिन करण नमक एक युवक ने बच्ची को जंगल में देखा था और करण ने बच्ची को नरेंद्र सोनी को दे दिया, नरेंद्र सोनी ने बच्ची को पुलिस को सौंपा जिसके बाद बच्ची को इंदौर इलाज के लिए भेज दिया गया था. फ़िलहाल बच्ची का इंदौर में उपचार चल रहा है. खबरें और भी:- BREAKING: मंदसौर मामले में दो दोषियों को फांसी की सजा क्या बीजेपी मुख्यालय का वास्तु दोष बन रहा पार्टी की राह का काँटा ? मुजफ्फरपुर रेप कांड : सीबीआई जांच तेज, ब्रजेश ठाकुर और मंजू वर्मा के 12 अन्य ठिकानों पर छापेमारी