पति की दुर्घटना में मौत.., सास इंदिरा ने घर से निकाला, मुश्किलों से भरा रहा है मेनका गाँधी का जीवन

26 अगस्त 1956 को दिल्ली में जन्मीं मेनका गाँधी, देश के सबसे पुराने सियासी परिवार गांधी-नेहरू परिवार का ही एक हिस्सा हैं। उन्होंने तत्कालीन पीएम इन्दिरा गांधी के छोटे बेटे संजय गांधी के साथ विवाह किया था, जिसके बाद वे गांधी परिवार की बहु बन गईं थीं। लेकिन उनकी राजनीति में एंट्री एक आकस्मिक दुर्घटना में संजय गांधी की मौत के बाद वे सन् 1982 में हुई। आज उनके जन्मदिन पर आइए जानते हैं, उनसे जुड़ी 5 अनसुनी बातें :-

1- असल में मेनका गांधी राजनीति में नहीं आना चाहती थीं, लेकिन परिस्थितियों ने उन्‍हें सियासत का हिस्‍सा बनने के लिये मजबूर कर दिया। 1982 में अपने पति संजय गांधी के निधन के बाद राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों द्वारा आयोजित रैलियों में हिस्सा लेने और राजीव गांधी के लिए तैयार की गई सत्ता हासिल करने का प्रयास करने के संदेह में उन्हें अपनी सास, भारतीय पीएम इंदिरा गांधी ने घर से बाहर कर दिया गया था।   2- मॉडल रहीं मेनका, संजय गांधी को पहली नजर में ही पसंद आ गई थीं। मात्र 17 साल की आयु में मेनका को पहला मॉडलिंग ब्रेक मिला। बॉम्बे डाइंग के एक एड के लिए उन्होंने शूटिंग की थी। इसी एड में मेनका को देखते ही संजय गांधी उन्हें दिल दे बैठे थे। लोगों के बीच उस वक़्त ये चर्चा थी कि संजय गांधी और मेनका के कजिन वीनू कपूर दोस्त हैं। वीनू की शादी की पार्टी में ही संजय और मेनका की पहली मुलाकात 1973 में हुई थी।

3- इसके बाद संजय ने मेनका से शादी की इच्‍छा प्रकट की थी। मेनका की मां को ये रिश्ता बिलकुल पसंद नहीं था, इसलिए उन्‍होंने मेनका को उनकी दादी के घर भेज दिया गया। जुलाई, 1974 में मेनका वापस घर लौटीं और एक महीने बाद उनकी संजय से सगाई हो गई।

4- महज एक साल के अंदर ही संजय और मेनका की लव स्टोरी शादी में बदल गई। संजय गांधी ने 23 सितंबर, 1974 में 18 साल की मेनका के साथ विवाह कर लिया। शादी के बाद मेनका अक्सर संजय के साथ दौरों पर जाती थीं। संजय और कांग्रेस पार्टी को मजबूती देने के लिए मेनका ने एक मासिक पत्रिका सूर्या का प्रकाशन भी आरम्भ किया था।

5- शादी के समय संजय, मेनका से आयु में 10 साल बड़े थे। खबरों के मुताबिक, संजय से शादी के बाद मेनका के बॉम्बे डाइंग के एड के अंश मिटा दिए गए।

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