इम्फाल: गाजा युद्ध में पिछले साल हजारों लोगों की जान गई, जिसमें फिलिस्तीनी, इजराइली और विदेशी नागरिक भी शामिल थे। एक साल बाद भी हमास के लड़ाके इजराइली सैनिकों को लगातार निशाना बना रहे हैं। हाल ही में इस संघर्ष में एक भारतीय मूल के सैनिक की मौत हो गई। 12 नवंबर को हमास ने ज़ोलैट की सैन्य यूनिट पर घरेलू एंटी टैंक शेल से हमला किया, जिसमें चार सैनिक मारे गए, जिनमें से एक स्टाफ सार्जेंट गैरी ज़ोलैट थे। वे इजराइली सेना के IDF की केफिर ब्रिगेड की 92वीं बटालियन में तैनात थे और अपनी अनिवार्य सैन्य सेवा पूरी कर रहे थे। उनकी दो बहनें भी इजराइली सेना में हैं। गैरी ज़ोलैट भारतीय यहूदी समुदाय से ताल्लुक रखते थे, जिनका संबंध मिजोरम और मणिपुर से था। यह समुदाय, जिसे ‘बनी मेनाशे’ कहा जाता है, इजराइल की 10 खोई हुई जनजातियों में से एक माना जाता है, जो असीरिया के शासन के दौरान निर्वासित हो गए थे। गैरी ज़ोलैट की मौत से पहले, 12 सितंबर को भारतीय मूल के एक और सैनिक, गैरी गिदोन हंगल की वेस्ट बैंक में मौत हो गई थी, जब एक ट्रक ने उन्हें टक्कर मार दी थी। यह खबर दर्शाती है कि भारतीय यहूदी समुदाय के सदस्य, जो इजराइली सेना में सेवा दे रहे हैं, संघर्ष के इस दौर में अपनी जान गंवा रहे हैं। अब पटरियों पर रील बनाने वालों की खैर नहीं, रेलवे ने उठाया बड़ा कदम 'भारतीय अर्थव्यवस्था शानदार विकास की दिशा में..', खुशखबरी लेकर आई Moody's की रिपोर्ट लड़की से छेड़छाड़ कर रहे थे सलमान-अरबाज़, किशन ने रोका, तो कर दी हत्या