नई दिल्ली: दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका को ठुकराते हुए दिल्ली की अदालत ने बेहद अहम टिप्पणी की है। दरअसल, अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि सिसोदिया ही दिल्ली शराब घोटाले के मास्टर माइंड हैं। उन्हें रिश्वत के रूप में 90 से 100 करोड़ रुपये मिलने वाले थे। अपने 34 पन्नों के फैसले में स्पेशल जज एमके नागपाल ने कहा कि आपराधिक साजिश में सिसोदिया ने ही सक्रीय भूमिका निभाई थी। स्पेशल कोर्ट के यहां तक कहा कि सारे सबूत आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता सिसोदिया के खिलाफ हैं। न्यायमूर्ति स्पष्ट तौर पर यह इशारा कर रहे हैं कि सिसोदिया करप्शन में पूरी तरह से लिप्त थे। सिसोदिया को गिरफ्तार करके CBI ने कोई गुनाह नहीं किया :- स्पेशल जज एमके नागपाल ने कहा कि सिसोदिया को गिरफ्तार करके CBI ने कोई अपराध नहीं किया है। न तो CBI ने सर्वोच्च न्यायालय के किसी आदेश की अवहेलना की है और न ही उच्च न्यायालय की। CBI ने सिसोदिया को तभी अरेस्ट किया, जब एजेंसी को लगा कि ये अत्यंत आवश्यक था। 34 पेज के अपने फैसले में विशेष अदालत ने कहा कि वो सिसोदिया को छोड़ने नहीं जा रही है। अदालत को लगता है कि सिसोदिया को जमानत मिली, तो वो बाहर जाकर खेल कर सकते हैं। वो सबूतों से छेड़छाड़ करने के साथ मामले से संबंधित महत्वपूर्ण कड़ियों को पूरी तरह से प्रभावित कर सकते हैं। अदालत का कहना था कि वो 26 फरवरी को गिरफ्तार हुए थे। अभी तक CBI ने मामले की जांच पूरी नहीं की है। लिहाजा सिसोदिया को नहीं छोड़ा जा सकता। शराब घोटाले में मनीष सिसोदिया ने तोड़े नियम :- जस्टिस एमके नागपाल ने अपने फैसले में कहा कि दिल्ली का शराब घोटाला बड़े स्तर पर आम जनता को प्रभावित करता है। शराब नीति को बनाते वक़्त मनीष सिसोदिया ने इस बात का ध्यान नहीं रखा कि ये बहुत सारे लोगों से जुड़ा है। न्यायालय का कहना था कि ये घोटाला आर्थिक अपराध की श्रेणी में आता है। अदालत ने कहा कि साउथ की लॉबी को ध्यान में रखकर ये पूरा खेल रचा गया। उन्हें लाभ पहुंचाने के लिए नियम तोड़े-मरोड़े गए। रिश्वत की रकम में से 20-30 करोड़ रुपये विजय नायर, अभिषेक बोइलपल्ली और अभिषेक अरोड़ा के माध्यम से यहाँ-वहां उधर घूम रही थी। सिसोदिया को कट्टर ईमानदार बता रहे थे केजरीवाल:- अदालत ने स्पष्ट कहा कि दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कुछ विशेष ब्रांडों को प्रमोट करने के लिए खेल किया। वो कुछ विशेष शराब कारोबारियों को लाभ पहुंचाना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने कई नियमों को तोड़ा मरोड़ा। साउथ की लॉबी से उनकी मिलीभगत इस मामले का सबसे महत्वपूर्ण पहलू है। बता दें कि, कोर्ट की यह टिप्पणी दिल्ली के सीएम अरविन्द केजरीवाल के लिए किसी झटके से कम नहीं है। क्योंकि, जब से सिसोदिया के खिलाफ कार्रवाई शुरू हुई थी, तब से ही केजरीवाल उन्हें कट्टर ईमानदार, भगत सिंह, महाराणा प्रताप के वंशज आदि बता रहे थे। यहाँ तक कि, सिसोदिया की गिरफ़्तारी पर केजरीवाल ने यहाँ तक कह दिया था, केंद्र सरकार ने एजेंसियों का दुरुपयोग करके मनीष सिसोदिया को झूठे केस में फंसाया है। अब कोर्ट ने सारे सबूत देखने के बाद सिसोदिया को शराब घोटाले का मास्टरमाइंड बता दिया है, तो केजरीवाल इस मामले पर क्या कहते हैं, ये देखने लायक होगा। आज फिर काले कपड़ों में दिखेगी कांग्रेस, राहुल गांधी के समर्थन में संसद में मचेगा हंगामा ! 'नए संसद भवन के मेन गेट पर टांग दो पीएम मोदी की डिग्री..', सर्टिफिकेट मामले में संजय राउत का तंज क्या माफ़ी मांगने से बच गए केजरीवाल ? असम दौरे पर CM सरमा के खिलाफ क्यों नहीं बोले AAP सुप्रीमो