कांग्रेस नेता मनीष तिवारी का बड़ा बयान, इस कानून के खिलाफ एकजुट हो राज्य सरकार

रविवार को कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा कि राज्य सरकारों को एकजुट होकर यह कहना चाहिए कि वे राज्य में राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) लागू नहीं होने देंगे. उन्होंने समाचार एजेंसी एएनआइ से बात करते हुए कहा कि नागरिकता संशोधन कानून 2019 (CAA), एनपीआर, राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) ने देश की आत्मा को चोट पहुंचाई है. ये सामाजिक ध्रुवीकरण का एक बड़ा कराण है. ये अलगाववाद, कट्टरता और अतिवाद के कारण है. इसके विनाशकारी परिणाम होंगे. 

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इसके अलावा मनीष ने आगे कहा कि सीएए, एनपीआर और एनआरसी के दुर्भाग्यपूर्ण परिणाम पहले ही दिल्ली में देखने को मिल गए हैं. यहां पिछले दिन हुई हिंसा में कई निर्दोष लोगों की जान गई है.इसलिए सरकार देश को किस रास्ते पर ले जा रही है उससे उसको परिचित होने की आवश्यकता है. समय आ गया है कि सभी राज्य सरकारें एक साथ खड़ी होकर कहें कि वे राज्य में एनपीआर की कवायद को लागू नहीं करेंगी. मनीष ने सीएए को अलगाव, एनपीआर को कट्टरता और एनआरसी को अतिवाद की तरह बताया. इस राष्ट्र के लिए यह दुर्भाग्यपूर्ण मार्ग है. भाजपा/एनडीए ने इसकी बीज बो दी है. देश में बवाल मचा है. आइए हम भारत को बचाने के लिए खड़े हों एनपीआर-एनआरसी को लागू नहीं करने का फैसला लें.

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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि पिछले साल दिसंबर में संसद द्वारा नागरिकता कानून के पारित किए जाने के बाद से देश भर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. इसे लेकर पिछले दिनों दिल्ली में हिंसा भी हुई, जिसमें 43 लोगों की जान चली गई. नागरिकता कानून में बांग्लादेश,पाकिस्तान और अफगानिस्तान से धार्मिक उत्पीड़न के कारण 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने का प्रावधान है. विपक्ष ने इसे मुस्लिमों के खिलाफ बताकर सरकार पर निशाना साधा है. हालांकि, सरकार ने साफ किया है कि इस कानून से कोई भी भारतीय प्रभावित नहीं होगा. किसी भी भारतीय की नागरिकता इससे खतरे में नहीं पड़ेगी. यह महज नागरिकता देने के लिए कानून है.       

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