प्रणब मुखर्जी का आरएसएस के कार्यक्रम में जाने का मामला थमता नजर नहीं आ रहा है. कल रात में प्रणब दा के नागपुर पहुंचने के बाद से ही राजनीतिक गलियारों में हलचल शुरू हो गई है. कई नेताओं की प्रतिक्रियाएं सामने आई है, जिसके बाद बा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री मनीष तिवारी ने ट्वीट के माध्यम से प्रणब मुखर्जी को निशाने पर लेने का प्रयास किया है. पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘आपकी पीढ़ी 1980 और 1990 के दशक में आरएसएस के इरादे और योजना को लेकर आगाह करती रही. आप उस सरकार का हिस्सा थे जिसने 1975 और 1992 में आरएसएस को बैन किया. आपको नहीं लगता कि आपको हमें यह बताना चाहिए कि उस वक्त आरएसएस में क्या बुराई थी और आज वही आरएसएस कैसे भली हो गई?’ तिवारी ने कहा, ‘या तो उस समय हमें जो बताया गया वो गलत था या फिर आपने आरएसएस को जो सम्मान दिया है वह सार्वजनिक जीवन में आपके कद के उपयुक्त नहीं है. क्या यह वैचारिक मेलमिलाप है और राजनीतिक रुख में कड़वाहट कम करने की कोशिश है जैसा कि आलोचक कह रहे हैं?’ वहीं मनीष तिवारी के ट्वीट से पहले कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने प्रणब मुखर्जी की तारीफ करते हुए कहा है कि उन्होंने आरएसएस और मोदी को राजधर्म की याद दिलाई है. आरएसएस पर अमर सिंह का बयान अंग्रेजों के अधीन आरएसएस ने तिरंगे का सम्मान नहीं किया- कांग्रेस लगता है RSS में फोटोशॉप की ट्रेनिंग भी दी जाती है... आरएसएस और बीजेपी को राजधर्म की याद