कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए निष्पक्ष चुनाव चाहते हैं मनीष तिवारी, लेकिन कौन कर रहा पक्षपात ?

नई दिल्ली: कई राज्यों में अपनी सत्ता गंवा चुकी और पार्टी के कद्दावर नेताओं के लगातार इस्तीफों से आहत कांग्रेस में अब भी अंदरूनी कलह ख़त्म नहीं हो रहा है। गुलाम नबी आजाद को पार्टी से अलग हुए कुछ ही दिन बीते हैं। इसी बीच पार्टी के असंतुष्ट नेताओं में एक मनीष तिवारी भी कांग्रेस में विरोध के स्वर बुलंद कर दिए हैं। 

लोकसभा सांसद और कांग्रेस के बागी समूह जी-23 के नेता मनीष तिवारी ने पार्टी अध्यक्ष चुनाव के लिए वोटर्स के नाम सार्वजनिक नहीं करने पर आपत्ति जताते हुए कहा है कि पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए इसे AICC की वेबसाइट पर प्रकाशित किया जाना चाहिए। मनीष तिवारी ने यह भी पूछा कि कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव लड़ने की मंशा रखने वाले किसी भी व्यक्ति को वोटर लिस्ट प्राप्त करने के लिए PCC कार्यालय क्यों जाना चाहिए, क्योंकि ऐसा क्लब चुनाव में भी नहीं होता है?

कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष चुनाव में निष्पक्षता पर सवाल खड़े करते हुए मनीष तिवारी ने ट्वीट में लिखा कि, 'बड़े सम्मान के साथ मधुसूदन मिस्त्री (कांग्रेस के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के अध्यक्ष) जी सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध मतदाता सूची के बिना निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव किस तरह हो सकता है? निष्पक्ष और स्वतंत्र प्रक्रिया का सार है कि वोटर्स के नाम और पते पारदर्शी तरीके से कांग्रेस की वेबसाइट पर प्रकाशित किए जाने चाहिए।'

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