भला हो गांधी-नेहरु परिवार के वफादार मणिशंकर अय्यर का जिन्होंने गुजरात चुनाव के सबसे आड़े समय में नरेंद्र मोदी के हाथ में एक मुद्दा थमा दिया. जिसे मोदी ने गुजरातियों के सामने भावनात्मक भाषण के जरिये मतों में तब्दील कर गुजरात में एक बार फिर भाजपा की सरकार बनवा दी. उल्लेखनीय है कि गुजरात में शासन के बीते 22 वर्षों में बीजेपी के लिए दिसंबर 2017 का चुनाव सबसे ज्यादा कठिन साबित हो रहा था. राज्य में कई जगह कुछ तबके के लोगों में बीजेपी को लेकर बेशक नाराजगी भी थी , लेकिन गुजरात के युवाओं को यक़ीन था कि मोदी इस मुद्दे को हाथ से निकलने नहीं देंगे .मोदी ने इस मामले को गुजरात की अस्मिता से जोड़ा और एक ही सुर में खुद को भी प्रताड़ित नायक बताया. मोदी के लिए यह तुरुप का पत्ता साबित हुआ .उन्होंने अपने खिलाफ इस्तेमाल किए गए अपमानजनक शब्दों को गुजरात की अस्मिता से जोड़कर मोदी अपने भावनात्मक भाषण से लोगों के दिल में भावनाओं का ज्वार जगाना चाहते थे ताकि वो कांग्रेस को परास्त कर सके. इसमें वो कामयाब भी हुए. हालाँकि कांग्रेस को भी अय्यर के ‘नीच इंसान’ वाले बयान से होने वाले नुकसान का अंदाजा था.इसीलिए राहुल गाँधी ने इस मामले से खुद के साथ पार्टी को भी तुरत -फुरत अलग कर पूर्व केंद्रीय मंत्री को पार्टी से निलंबित कर दिया गया.लेकिन तीर कमान से निकल चुका था, जिसकी खामियाजा कांग्रेस को जीत की सम्भावना वाले इस चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा. यह भी देखें गुजरात विधानसभा चुनाव - रूझानों में भाजपा को बढ़त गुजरात में जीत के लिए कश्मकश जारी