26 सितम्बर 1932 को जन्मे भारत के 13 वें प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह विश्व प्रसिद्ध अर्थशास्त्री हैं, उन्हें भारतीय अर्थव्यवस्था को उचाइयां प्रदान करने का श्रेय दिया जाता है. पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के बाद वे ऐसे दूसरे प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने अपना पहला कार्यकाल पूरा होने के बाद दूसरी बार भी प्रधानमंत्री बनकर अपना कार्यकाल पूरा किया. आज उनके जन्मदिवस पर हम आपके लिए लाएं हैं उनके जीवन से जुडी 5 विशेष और अनसुनी बातें. घासलेट की चिमनी में करते थे पढाई मनमोहन सिंह अक्सर शिक्षा को अपनी सफलता के लिए जिम्मेदार बताते हैं. लेकिन उनका शिक्षण आसान नहीं रहा. उनका परिवार एक ऐसे गांव में रहता था, जहां बिजली नहीं थी, ऐसे में मनमोहन घासलेट की चिमनी में बैठकर पढाई करते थे. मीलों पैदल चलकर पहुँचते थे स्कूल हर सफल आदमी के पीछे कड़ा संघर्ष होता है, मनमोहन सिंह के जीवन में भी कुछ ऐसा ही था, उन्होंने अपने जीवन के शुरुआती 12 साल ऐसे गांव में बिताए जहां कोई स्कूल नहीं था, लेकिन उनकी शिक्षा के प्रति चाह इतनी प्रबल थी कि वे मीलों पैदल चलकर स्कूल जाते थे. हिंदी नहीं पढ़ पाते हैं मनमोहन ये बात जानकर आपको हैरानी होगी कि मनमोहन सिंह हिंदी नहीं पढ़ पाते हैं, दरअसल उस वक़्त पंजाब में उर्दू और पंजाबी चलती थी, जिस कारण हिंदी से उनकी दुरी रही. उनके भाषण भी उर्दू और इंग्लिश में लिखे होते थे, अगर उन्हें हिंदी में भाषण देना हो तो पहले उन्हें प्रैक्टिस करनी पड़ती थी. नरसिम्हा राव ने बनाया था वित्त मंत्री तात्कालीन प्रधानमंत्री पी वी नरसिम्हाराव ने भारत की बिगड़ती आर्थिक स्थिति को देखते हुए मनमोहन सिंह को बिना किसी राजनितिक पृष्ठभूमि के मात्र अर्थशास्त्र पर उनका अद्भुत ज्ञान देखकर उन्हें वित्त मंत्री बनाया था, जिसके बाद जीडीपी में सुधार शुरू हुआ था. नाश्ते में खाते थे कचोरी समोसा मनमोहन सिंह को नाश्ते में कचोरी और समोसा बहुत प्रिय था, लेकिन उनके स्वास्थ्य बिगड़ने के डर से उनकी पत्नी ने उनका नाश्ता बदल कर चाय, मारिए बिस्किट और ढोकला कर दिया. ये भी पढ़ें:- जन्मदिन विशेष : ईश्वर चंद्र विद्यासागर की वजह से ही पारित हो पाया था विधवा पुनर्विवाह कानून इस एक्टर को काले कोट में देखकर लड़कियां कर लेती थी आत्महत्या, कोर्ट ने कर दिया था बैन जन्मदिन विशेष: भगत सिंह का देश प्रेम और जालियां वाला बाग