मुंबई: मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे पाटिल ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार उतारने के अपने पहले के फैसले को बदलते हुए अब चुनावी दौड़ से पीछे हटने का निर्णय लिया है। उन्होंने कल घोषणा की थी कि उनकी टीम करीब 25 उम्मीदवार उतारेगी, लेकिन अब उन्होंने कहा है कि चुनाव में कोई भी उम्मीदवार नहीं उतारा जाएगा। जरांगे ने बताया कि इस निर्णय पर समाज में सर्वसम्मति बनी है और उन्होंने सभी समर्थित उम्मीदवारों से कहा है कि वे अपने नामांकन पत्र वापस ले लें। उन्होंने कहा, "हम चुनाव न भी लड़ें तो भी समाज के लिए महत्वपूर्ण कार्य करेंगे और समाज को बिगाड़ने वालों से बदला लेंगे।" उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी स्थिति न तो किसी का समर्थन करने की है और न ही विरोध करने की। उनका उद्देश्य समाज के लिए काम करना है और वे इस दिशा में प्रयास करते रहेंगे। मनोज जरांगे ने यह भी कहा कि वे राजनीति में नए हैं और अगर चुनाव में उतरकर हारते हैं, तो यह उनके लिए शर्म की बात होगी। उन्होंने जाति के आधार पर चुनाव लड़ने को गलत ठहराया और कहा कि यह मुद्दा अब केवल मराठों का नहीं रहा है, बल्कि यह समाज के व्यापक हित से जुड़ा हुआ है। जरांगे ने लंबे समय से मराठा आरक्षण के लिए आंदोलन किया है और उनकी मराठावाड़ की सीटों पर अच्छी पकड़ है। उन्होंने हाल ही में कहा था कि महायुति को सत्ता में नहीं आने दिया जाएगा। इसके अलावा, उन्होंने कुनबी प्रमाणपत्र के लिए आंदोलन का भी जिक्र किया और बताया कि कई बार अनशन करने के बावजूद सरकार ने उनकी मांगों को मानने से इनकार किया है। क्या महाराष्ट्र में राज ठाकरे देंगे भाजपा को चोट? मुंबई की 25 सीटों पर लड़ाई टूट सकता है सपा-कांग्रेस का गठबंधन..! उम्मीदवार वापस लेने को राजी नहीं अखिलेश इंदौर: विवाद 'पटाखों' का था ही नहीं, गैंगरेप और मोहल्ले पर कब्जे की थी साजिश