नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने एक बयान में कहा है कि हम भारत को 2025 तक टीबी मुक्त बनाना चाहते हैं. हमने स्वास्थ्य को कभी भी विकास से नहीं जोड़ा. पीएम मोदी की अगुवाई में स्वास्थ्य की परिभाषा व्यापक रही है. आने वाले दिनों में भारत स्वास्थ्य क्षेत्र को और सशक्त बनाने के अपने लक्ष्य को हासिल कर लेगा. वहीं, राज्यसभा स्पीकर एम वेंकैया नायडू ने कहा कि यदि सभी स्थानीय, केंद्र और राज्य सरकारें, सांसद और अधिकारी एक साथ मिलकर इसे जन आंदोलन बनाते हैं, तो 2025 तक टीबी को खत्म करना कठिन नहीं होगा. एम वेंकैया नायडू ने कहा कि अब इसकी औसत जीवन प्रत्याशा बढ़कर 69.4 वर्ष हो गई है, जो 1950 में 35 वर्ष थी. इससे पहले पीएम मोदी ने भी कहा था कि ‘भारत में किसी भी प्रकार के किसी भी संचारी रोग से टीबी का प्रभाव सबसे ज्यादा है और इसके सबसे शिकार भी गरीब हैं इसलिए टीबी खत्म करने के लिए उठाया गया हर कदम, सीधे-सीधे गरीबों का जीवन से सम्बंधित है. बता दें कि पिछले हफ्ते लोकसभा में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, भारत में जनवरी से लेकर 18 लाख टीबी के केस सामने आए हैं, जो कि दिसंबर 2020 यानी एक वर्ष पूर्व 2.4 मिलियन की तुलना में बहुत कम हैं. वहीं, राज्यसभा स्पीकर एम वेंकैया नायडू ने कहा कि देश को टीबी के खिलाफ जीत के लिए सामूहिक प्रयास करने की आवश्यकता है. तालिबान ने एक दिन में तीन अफगान राजधानी शहरों पर किया कब्जा कोरोना MP को कैसे नुकसान पहुंचा सकता है, यहाँ विष्णु और शिव हैं: राष्ट्रीय सचिव तरुण चुग संयुक्त राज्य अमेरिका ने जीते सबसे ज्यादा गोल्ड मैडल