वाशिंगटन: संयुक्त राष्ट्र (United Nations) की एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि चीन और भारत सहित कई एशियाई देश अपने यहां कोरोना वायरस के नाम पर अभिव्यक्ति की आज़ादी पर अंकुश लगा रहे हैं. सख्त प्रतिबंध लगा रहे हैं. जबरदस्ती गिरफ्तारियां की जा रही हैं. लोग हिरासत में डाले जा रहे हैं. ये सरासर गलत कदम है. ये मानवाधिकारों के खिलाफ है. सरकारों को इस ओर ध्यान देना चाहिए. यूएन राइट्स प्रमुख मिशेल बैशलेट ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि एशियाई देशों में उन लोगों पर अत्याचार किया जा रहा है, जो अपनी सरकार के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं. इसके कारण गिरफ्तारियां हो रही हैं. साथ ही लोग हिरासत में डाले जा रहे हैं. जबकि, पीड़ित लोग केवल जानकारियां और सूचनाएं शेयर कर रहे थे. मिशेल ने कहा कि बांग्लादेश, कंबोडिया, चीन, भारत, इंडोनेशिया, मलेशिया, नेपाल, म्यांमार, फिलीपींस, श्रीलंका, थाईलैंड और वियनाम में उन लोगों को अरेस्ट किया जा रहा है, जो सोशल मीडिया के माध्यम से सूचनाएं दे रहे हैं. जबकि, उनपर इल्जाम लगाया जाता है कि वे प्रेस और सोशल मीडिया के माध्यम से झूठी सूचनाएं और अफवाहें फैला रहे हैं. यूनाइटेड नेशंस हाई कमिश्नर मिशेल ने कहा कि ये आवश्यक है कि गलत सूचनाओं को रोकना चाहिए ताकि आम जनता की सेहत और सुरक्षा का ध्यान रखा जा सके. किन्तु इसके नाम पर अल्पसंख्यकों के खिलाफ नफरत फैलाना या कार्रवाई उचित नहीं है. लैरी वॉल्श का प्रोस्टेट कैंसर से हुआ निधन, डेनिस विन्फ्रे ने दिया भावुक बयान भारत-चीन विवाद के बीच आया रूस का बयान, दिया अहम सन्देश प्रदर्शनकारियों के समर्थन में उतरीं ट्रम्प की बेटी टिफनी, सोशल मीडिया पर कह दी बड़ी बात