ऐसे समय में जब देश का ऑटो सेक्टर मंदी की मार से गुजारा कर रहा है और ऑटो कंपनियां डिस्काउंट के तहत अपनी बिक्री बढ़ाने में जुटी हुई हैं, ऐसे में ठंडी हवा की बयार चीन की तरफ से आई है। देश में कई चीनी कंपनियां भारत की तरफ बड़े आस से नजरे लगा रही हैं। चीनी कंपनियों को भारतीय बाजार में काफी संभावनाएं नजर आ रही हैं। भारतीय कंपनियों के लिए चुनौती - निवेश की राह देख रहे देश के ऑटो सेक्टर के लिए बड़ी खुशखबरी है। लेकिन भारतीय कंपनियों के लिए कड़ी चुनौती भी शामिल हैं, क्योंकि तकरीबन आधा दर्जन चीनी वाहन निर्माता कंपनियां देश की अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिये तैयार हैं। ऐसा माना जा रहा है कि अगले तीन से पांच सालों में ये चीनी कंपनियां देश की ऑटो सेक्टर में तकरीबन पांच अरब डॉलर का निवेश कर सकती है। ये कंपनियां कर रही हैं तैयारी - MG Motors, BYD, Great Wall Motors, Changan और Beiqi Foton जैसे कंपनियां भारत में निवेश बढ़ाने की योजना बनाई जा रही हैं। यहां तक उनके वेंडर पार्टनर्स भी इसमें हिस्सेदारी कर सकते है। इसके अलावा Geely और Chery Scout जैसी बड़ी कंपनियां भी भारतीय बाजार को बड़े अवसर के तौर पर देखा जा सकता हैं। ईटी की रिपोर्ट के अनुसार एमजी मोटर्स का मलिकाना हक रखने वाली SIAC जल्दी ही भारत में इलेक्ट्रिक एसयूवी पेश करने वाली है और जल्द ही दूसरे चरण का निवेश करने की तैयारी कर रही है। इसके अलावा BYD भारत में बसों से लेकर इलेक्ट्रिक वैन बनाएगी, जिसके लिये बड़ा निवेश कर सकते है। एमजी मोटर्स पहले ही देश में पांच हजार करोड़ रुपये का निवेश कर चुकी है। इसके अलावा Great Wall Motors अपनी एसयूवी ला रही है और गुरुग्राम में अपना ऑफिस भी खोला है इसके अलावा जनरल मोटर्स की तालेगांव स्थित फैक्टरी को खरीदने की बातचीत लगभग अंतिम चरणों में है। इलेक्ट्रिक बसों के साथ बनाएंगी ट्रक भी - इसके साथ टाटा मोटर्स अपनी लग्जरी कार कंपनी जगुआर-लैंड रोवर (जेएलआर) में हिस्सेदारी को घटाने की तैयारी की जा रही है और चीन की कंपनी Geely से बातचीत भी शुरू कर दी है।इसके साथ ही चीन की हैवी ट्रक बनाने वाली कंपनी नेशनल हैवी ड्यूटी ट्रक ग्रुप कंपनी मैन ट्रक्स ने मुंबई की एकर कंपनी के साथ ट्रक बनाने के लेकर करार किया गया है। कंपनी चीन में Sinotruk नाम से ट्रक बनानी है। वहीं Beiqi Foton इलेक्ट्रिक बसों के लिए उत्तर भारत की कंपनी पीएमएल के साथ करार किया गया है। फोटोन ने पुणे के नजदीक चाकन में जमीन का अधिग्रहण भी किया जा सकता है। स्मार्टफोन बाजार पर चीनी कंपनियों का कब्जा - चीन की एक और कंपनी Weichai, जो जेनसेट्स के लिए इंजन बनाती है, कंपनी अब ऑटोमोबाइल कंपनियों के लिए हॉर्सपावर वाले इंजन बनाने की योजना बनाई जा रही है। बाजार के विशेषज्ञों का कहना है कि चीनी आटो कंपनियों के पास बाजार के खिलाड़ियों को चुनौती देने की क्षमता है। उनका मानना है कि यह कुछ वैसा ही होगा जैसे स्मार्टफोन बाजार में हो चूका था। चीनी कंपनियों ने सैमसंग समेत पहले से जमी कई भारतीय कंपनियों को जबरदस्त चुनौती दी गई थी। हाल ही में भारतीय स्मार्टफोन बाजार पर 60 फीसदी चीनी कंपनियों का हिस्सा है। भारतीय पैसेंजर कार बाजार का कुल राजस्व 38 अरब डॉलर का है। जो 2008 से लेकर 2018 तक 8.7 फीसदी की रफ्तार से बढ़ाया जा सकता है, जबकि सालाना रिटर्न 11 से 33 फीसदी तक है। कार का बीमा करवाने से पहले जरूर पढ़ ले ये खबर वार्ना हो सकता है भारी नुकसान.......... जैगुआर की नयी सेडान कई बदलाव के साथ इस डेट को होगी लांच, जाने फीचर्स हौंडा की पांचवी जनरेशन गाडी लांच के लिए तैयारी, कंपनी इस दिन उठाएगी पर्दा