नईदिल्ली। विदेशी बिटक्वाॅइन करेंसी ने देशवासियों का दिल जीत लिया। नोटबंदी के दौरान यह करेंसी नौ हजार रूपए से उछाल मारकर लाखों की कीमत पर पहुंच ग ई। बिटक्वाॅइन के निवेशकों को अचानक लोगों को जोड़कर लेन - देन का ग्राफ बढ़ाना प्रारंभ कर दिया। इस दौरान एक नेता के नातेदार को जिले के सैकड़ों लोगों को जोड़कर बिटक्वाॅइन क्रय करने व बेचने का जाल फैलाने में कोई देर नहीं लगी। बिटक्वाॅइन को जनपद के लगभग 150 लोगों ने बिटक्वाॅइन को बड़े पैमाने पर जमा किया। उन्हें आस थी कि इसके रेट बढ़ने पर वे मालामाल हो जाऐंगे। अवैध घोषित होने और आयकर विभाग की कार्रवाई से निवेशकों में हड़कंप मच गया है। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी के दौरान एक हजार रूपए और 500 रूपए के पुराने नोट्स बंद कर दिए थे। ऐसे में आॅनलाईन गैरकानूनी विदेशी बिक्वाॅइन व डिजिटल करेंसी का चलन प्रारंभ हो गया। नोटबंदी के दौरान सरकार ने बड़े पैमाने पर कालेधन को पकड़ा था। कई लोगों के यहां खुफिया स्थानों पर नोट और सोने के आभूषण और बिस्किट आदि मिले थे। कालाधन जमा करने वालों से बड़े पैमाने पर 2 हजार रूपए के नए नोट, 1 हजार रूपए के पुराने नोट और 500 रूपए के पुराने नोट भी जब्त हुए थे। पैसा लुट गया तो नोटबंदी को रो रहा विपक्ष - मोदी नोट पर यह लिखने से अवैध हो जाएंगे नोट रोहित वेमुला ने नहीं की थी आत्महत्या