देहरादून: उत्तराखंड में निरंतर हो रही वर्षा मुसीबत बनती जा रही है। भारी बारिश के बाद हाईवे बंद होने के पश्चात अब ट्रेन भी प्रभावित हुआ है। उत्तर प्रदेश, दिल्ली-NCR, हरियाणा, मध्य प्रदेश समेत देश के अन्य प्रदेशों से उत्तराखंड आने वाले यात्रियों को समस्या हो रही है। रेलवे ट्रैक पर मलबा आने से कई ट्रेनों को रद्द किया गया है तो कुछ ट्रेनों को रूट परिवर्तित किया गया है। हरिद्वार-देहरादून रेल ट्रैक बुधवार को भीमगोड़ा काली मंदिर टनल के समीप एक बार फिर मलबा आने से साढ़े 5 घंटे बाधित रहा। इससे 24 ट्रेनों का संचालन प्रभावित हुआ। इनमें 6 ट्रेनों को रद्द किया गया, जबकि 8 ट्रेनों के समय में परिवर्तन हुआ। पांच ट्रेन को अल्प अवधि में समाप्त किया गया तथा 4 ट्रेनों का संचालन अन्य स्टेशनों से किया गया। वही 1 ट्रेन के मार्ग में परिवर्तन किया गया है। देर शाम सात बजे ट्रैक को खोल दिया गया था। बुधवार को दोपहर 130 बजे के लगभग पहाड़ों से ट्रैक पर मलबा आ गया। खबर प्राप्त होने पर रेलवे के अफसर एवं कर्मचारी मौके पर पहुंचे। तीन घंटे में ट्रैक से मलबे को हटाया। रेलवे के एसएम बीएस मालिक ने बताया कि शाम 7 बजे ट्रैक को पूरी तरह साफ कर दिया गया। प्रयागराज से योगनगरी ऋषिकेश आने वाली ट्रेन को नजीबाबाद में ही समाप्त कर दिया गया। देहरादून से सूबेदारगंज जानी वाली ट्रेन को कांसरो में, योगनगरी ऋषिकेश से पुरी जाने वाली ट्रेन को मोतीचूर स्टेशन पर समाप्त किया गया। हावड़ा से देहरादून आने वाली ट्रेन को मुरादाबाद एवं आनंद विहार टर्मिनल स्टेशन से देहरादून आने वाली ट्रेन को हरिद्वार में ही समाप्त किया गया। ये ट्रेनें हुईं निरस्त:- * ऋषिकेश-चंदौसी * चंदौसी-ऋषिकेश * हरिद्वार-दिल्ली * दिल्ली-हरिद्वार * देहरादून-दिल्ली * ऋषिकेश-हरिद्वार बुधवार को दून से दिल्ली जाने वाली मसूरी एक्सप्रेस को रद्द कर दिया गया। यह ट्रेन रात 920 मिनट पर दिल्ली को रवाना होती है, शाम 4 बजे ट्रेन के रद्द होने का मैसेज आया। अमृतसर से आने वाली लाहौरी एक्सप्रेस पहले से ही रद्द चल रही है। जबकि जनशताब्दी हरिद्वार तक आई। देहरादून से शताब्दी, जनता एक्सप्रेस 3-3 घंटे तथा नंदादेवी और काठगोदाम एक्सप्रेस 2-2 घंटे देरी से रवाना हुई। दिल्ली से आने वाली नंदादेवी एक्सप्रेस सवा घंटे देरी से पहुंची। रेलवे ने पहले देहरादून से वाराणसी जाने वाली जनता एक्सप्रेस एवं देहरादून से काठगोदाम जाने वाली काठगोदाम एक्सप्रेस रीशेड्यूल किया था, दोनों ट्रेनों के यात्री स्टेशन पर पहुंच गए थे, किन्तु देर रात दोनों ट्रेनों को रद्द कर दिया गया। वही सोलानी नदी का तटबंध मंगलवार शाम को टूटने के पश्चात् बाढ़ का पानी लक्सर में रेलवे ट्रैक से 45 इंच ऊपर तक पहुंच गया। इसके कारण 12 जुलाई को 14 ट्रेनों को निरस्त करना पड़ा। इससे लोगों में भी भय का माहौल व्याप्त है। MP के इस शहर में बनाया जा रहा है 'सीनियर सिटीजन कॉम्प्लेक्स', बुजुर्गों को मिलेगी ये सुविधाएं प्रधानमंत्री आवास योजना की बढ़ी आय सीमा, अब इन लोगों को भी मिलेगा फायदा चार धाम यात्रा पर लगी रोक, जानिए क्यों?