काठमांडू: नेपाल की सत्ता एक बार फिर पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' के हाथों में आ गई हैं. वह नेपाल के अगले पीएम बनने वाले हैं और सोमवार (26 दिसंबर) को स्थानीय समय के मुताबिक, शाम 4 बजे वह तीसरी बार नेपाल के प्रधानमंत्री पद की शपथ ग्रहण करेंगे. नेपाल के राष्ट्रपति कार्यालय ने ट्वीट करते हुए इस संबंध में जानकारी दी है. बता दें कि, नेपाल में हुए आम चुनावों के बाद किसी भी सियासी दल को बहुमत नहीं मिला था. मगर, एक नाटकीय घटनाक्रम में विपक्षी CPN-UML और अन्य छोटे दल रविवार (25 दिसंबर) को 'प्रचंड' को अपना समर्थन देने पर राजी हो गये और इसके साथ ही प्रचंड का तीसरी बार प्रधानमंत्री बनना तय हो गया. नेपाल की राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी को लिखे पत्र में प्रचंड ने कहा कि उनको पीएम पद के लिए निर्दलीय सांसदों सहित 169 सांसदों का समर्थन मिल गया है. इसके बाद राष्ट्रपति ने उनको नेपाल का पीएम नियुक्त कर दिया. वह कल पद और गोपनियता की शपथ ग्रहण करेंगे. 11 दिसंबर 1954 को पोखरा के पास कास्की जिले के धिकुरपोखरी में जन्मे प्रचंड ने लगभग 13 वर्षों तक बैकग्राउंड में काम किया. वह उस समय मुख्यधारा की सियासत में शामिल हो गए जब CPN-माओवादी ने एक दशक लंबे सशस्त्र विद्रोह का रास्ता त्यागकर सियासत का मार्ग अपनाया. प्रचंड ने 1996 से 2006 तक एक दशक लंबे सशस्त्र संघर्ष की अगुवाई की थी, जो अंततः नवंबर 2006 में व्यापक शांति समझौते पर हस्ताक्षर के साथ ख़त्म हुआ. इससे पहले केपी शर्मा ओली के आवास बालकोट पर आयोजित बैठक में पूर्व पीएम ओली के अलावा प्रचंड और अन्य छोटे दलों के नेताओं ने प्रचंड के नेतृत्व में सरकार बनाने पर सहमति जाहिर की है. प्रचंड और ओली के बीच बारी-बारी से (रोटेशन के आधार पर) सरकार की अगुवाई करने के लिए सहमति बनी है और प्रचंड को पहले प्रधानमंत्री बनाने पर ओली ने अपनी रजामंदी जाहिर की है. नेपाल में भारतीय नागरिक की गोली मारकर हत्या 'कॉलेज जाकर मर्दों से मिलती थी..', तालिबान ने बताया महिला शिक्षा पर क्यों लगाया प्रतिबन्ध मक्का में भीषण बारिश से बाढ़ जैसी स्थिति, भीगते-भीगते उमरा कर रहे तीर्थयात्री