बंगाल में लंबे समय बाद फिर सक्रीय हुए माओवादी, सामने आई लूटपाट की घटनाएं

कोलकाता: बीते कुछ दिनों में पश्चिम बंगाल में चार ऐसी घटनाएं प्रकाश में आई हैं, जो झारग्राम जिले के आदिवासी इलाकों में माओवादियों (Maoists) की वापसी की ओर संकेत करती हैं. भले ही इन घटनाओं ने राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियां न बटोरी हों, किन्तु स्थानीय प्रशासन की नींद जरूर उड़ा दी है. दरअसल, गुरूवार को बेलपहाड़ी के धांगीकुसुम क्षेत्र के जंगल में सैर करने के लिए निकले तीन पर्यटकों को माओवादियों ने लूट लिया था।  

सैलानियों के अनुसार, कम से कम सात हथियारबंद माओवादियों ने उनके मोबाइल फोन छीन लिए, इनके साथ तीन महिला नक्सली भी मौजूद थीं. हालांकि, माओवादियों ने सैलानियों को किसी किस्म का नुकसान नहीं पहुंचाया. उन्होंने फोन छीनने के बाद सभी को सुरक्षित वापस जाने दिया. घटना के बाद घबराए पर्यटक सीधे खड़गपुर पहुंचे और पुलिस को मामले से अवगत कराया. बाद में झारग्राम पुलिस ने उनसे संपर्क करके घटना के संबंध में पूछताछ की.

इस घटना से पुलिस प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए हैं, क्योंकि यह पिछले नौ वर्षों में पहली ऐसी घटना है जिसमें माओवादियों ने दिनदहाड़े सैलानियों से लूटपाट की है. इस बीच, बेलपहाड़ी क्षेत्र के सिंधुरिया में 19 माओवादी पोस्टर देखे गए हैं. इन पोस्टरों में सड़क का काम बंद करने की धमकी दी गई है. पोस्टरों में लिखा है ‘ठेकेदार सौरभ राय काम बंद करो’. बता दें कि बेलपहाड़ी-पुरुलिया मुख्य सड़क मार्ग का निर्माण कार्य जारी है.

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