रांची : कहा गया है कि यदि किसी व्यक्ति को सही दिशा मिल जाए तो वह अपनी मंजिल पर पहुँच जाता है. ऐसा ही कुछ झारखण्ड की पुलिस के साथ भी हो रहा है. नक्सलियों को आत्म समर्पण करने हेतु शुरू की गई 'ऑपरेशन नई दिशा' भी लगता है सही दिशा में जा रही है. अब तक 99 नक्सलियों ने आत्म समर्पण कर दिया है और यह आंकड़ा शतक की ओर अग्रसर है. इस योजना से आत्म समर्पण करने वाले नक्सलियों को भी नई दिशा मिल रही है. मिली जानकारी के अनुसार 'ऑपरेशन नई दिशा' के तहत शुक्रवार को नक्सली सब जोनल कमांडर संतोष कुमार सिंह नेराज्य के पुलिस महानिदेशक डीके पांडेय के सामनेसमर्पण किया. बता दें कि संतोष कुमार सिंह पर 5 लाख रुपए का ईनाम घोषित था, पुलिस को 38 अलग-अलग मामले में इसकी तलाश थी. इस योजना के तहत आत्मसमर्पण के बाद मौके पर ही 5 लाख ईनाम की राशि का ड्रॉफ्ट और सरेंडर पॉलिसी के तहत 50 हजार रुपए की अनुदान राशि संतोष को दी गई. उल्लेखनीय है कि संतोष सिंह राज्य के सिमडेगा और गुमला के सीमावर्ती क्षेत्रों में पिछले 15 सालों से सक्रिय था. संतोष कुख्यात नक्सली महेश नागेसिया के संपर्क में आने के बाद संगठन में शामिल हुआ था. इस योजना के अलावा संतोष का नक्सल सिद्धांत से मोहभंग होना भी एक कारण माना जा रहा है. सिमडेगा एसपी के प्रयास से पुलिस को यह सफलता मिली है. बता दें कि झारखंड में बीजेपी की पूर्ण बहुमतवाली सरकार बनने के बाद राज्य में नक्सलियों के खात्मे के लिए कई अभियान जोर-शोर से शुरू किए गए हैं, खासतौर पर नई दिशा के तहत समर्पण करने वाले नक्सलियों के पुनर्वास के कार्यक्रमों को भी नए सिरे से शुरू किया गया है. इस कारण भी नक्सली इस दिशा में आकर्षित होकर आत्मसमर्पण कर रहे हैं.राज्य के डीजीपी की माने तो अभी कई और बड़े नक्सली कमांडर समर्पण करने वाले हैं. यह आंकड़ा जल्द ही शतक पार कर जाएगा. त्योहारों को देखते हुये दास नहीं जायेंगे विदेश