मैनचेस्टर युनाइटेड के फॉरवर्ड मार्कस रैशफोर्ड को बाल गरीबी के खिलाफ उनके काम के लिए मैनचेस्टर यूनिवर्सिटी डॉक्टरेट की मानद् उपाधि देने जा रही है और वह यह उपाधि पाने वाले सबसे युवा फुटबॉलर बन जाएंगे. दरअसल, 22 साल के मार्कस रैशफोर्ड ने पिछले माह सांसदों को पत्र लिखकर स्कूलों में स्कूल के बाद मुफ्त खाने के वाउचर देना बंद करने के निर्णय को बदलने के लिए बोला था. लेकिन सरकार को बाद में यह निर्णय बदलना पड़ा. इस संबंध मे मार्कस रैशफोर्ड ने कहा है की, 'अभी हमें बच्चों में गरीबी को दूर करने के लिए काफी कोशिशे करनी हैं लेकिन अपने शहर से सम्मान मिलने का अर्थ है कि हम सही दिशा में आगे की और बढ़ रहे हैं. ' जानकारी के लिए बता दें की मार्कस रैशफोर्ड ने बताया है कि जब वह छोटे हुआ करते थे, तब उनका परिवार भी स्कूलों में बंटने वाले भोजन पर निर्भर रहता था. फीफा ने जारी किया विश्व कप 2022 का शेड्यूल, ग्रुप चरण के मैचेस का समय घटा कोरोना की चपेट में आए ध्यानचंद पुरस्कार से सम्मानित पूर्व फुटबॉलर हकीम करीब बेंजेमा के गोल के सहारे रियल मैड्रिड ने जीता मैच, अब खिताब से एक कदम दूर