आप सभी को बता दें कि मार्गशीर्ष का महीना 13 नवंबर से शुरू हो रहा है. इसे हिन्दू कैलेंडर का नौवां महीना कहा जाता है। ऐसे में मार्गशीर्ष का महीना भगवान विष्णु का सबसे प्रिय महीना माना जाता है, जिसे अगहन का महीना भी कहते हैं. आप सभी को बता दें कि इस महीने में वैसे तो कोई बड़े पर्व त्यौहार नहीं होते लेकिन, उत्पन्ना एकादशी, मार्गशीर्ष अमावस्या, विवाह पंचमी, मोक्षदा एकादशी, गीता जयंती, मार्गशीर्ष पूर्णिमा एवं भगवान दत्तात्रेय जयंती प्रमुख तिथियां शामिल होती है. आपको बता दें कि मार्गशीर्ष (अगहन) का महीना 13 नवंबर से शुरू होकर 12 दिसंबर 2019 तक रहने वाला है. ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं मार्गशीर्ष (अगहन) के व्रत एवं पर्व. मार्गशीर्ष (अगहन) के व्रत एवं पर्व - 1- उत्पन्ना एकदशी- मार्गशीर्ष (अगहन) मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को उत्पन्ना एकादशी मनाई जाती है। 2- मार्गशीर्ष अमावस्या- मार्गशीर्ष (अगहन) मास की अमावस्या को अगहन एवं दर्श अमावस्या कहते है और इस दिन माता लक्ष्मी का विशेष पूजन करते हैं. 3- विवाह पंचमी- मार्गशीर्ष (अगहन) अमावस्या के बाद मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि अति महत्वपूर्ण तिथि मानी जाती है, जिसे विवाह पंचमी कहते हैं. 4- मोक्षदा एकादशी एवं गीता जयंती- मार्गशीर्ष (अगहन) मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मोक्षदा एकादशी का व्रत रखते हैं. 5- मार्गशीर्ष पूर्णिमा – दत्तात्रेय जयंती- मार्गशीर्ष (अगहन) मास की पूर्णिमा को पूर्ण पूर्णिमा तिथि माना जाता है और इस दिन तप, दान, यज्ञ जैसे पुण्य कर्म करने से जीवन की अपूर्णताएं पूर्ण होने लगती है. हाथ में हो यह निशान तो सेक्स की इच्छा होती है बहुत तीव्र 801 साल बाद कार्तिक पूर्णिमा पर खुल रहे हैं इन 3 राशियों के भाग्य, आएगा पैसा ही पैसा कैलाश पर्वत उठाने वाला रावण इस वजह से नहीं तोड़ पाया था शिव धनुष