मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन प्रभु श्री की उपासना का विधान है. प्रथा है जो कोई भी शख्स मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर का व्रत करता है तथा विधिवत पूजा करता है, उनकी जिंदगी जीवन खुशियों तथा समृद्धि से भरा रहता है. मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर इस बार मंगल तथा केतु एक साथ वृश्चिक राशि में मौजूद होंगे. मंगल एवं केतु की युति से आध्यात्मिक गतिविधियों में बढ़ोतरी होती है. वहीं मार्गशीर्ष महीने को दान, पुण्य, धार्मिक कार्य तथा देवी देवताओं की पूजा के लिए शुभ बताया गया है. ऐसे में मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर व्रत तथा पूजा से कई गुना फायदा प्राप्त होगा. आइए जानते हैं मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन किन बातों का रखना है ध्यान... मार्गशीर्ष पूर्णिमा व्रत में ध्यान रखें ये बातें:- 1- इस दिन प्रातः जल्दी उठें तथा सूर्योदय से पहले स्नान कर लें. 2- किसी पवित्र स्थल पर जाकर नहाएं. 3- मार्गशीर्ष पूर्णिमा का उपवास बहुत ही श्रद्धा, साफ़ सफाई तथा निष्ठा के साथ किया जाना चाहिए. 4- व्रत का पूर्ण फल पाने के लिए यथाशक्ति के मुताबिक दान पुण्य जरूर करें. 5- प्याज, लहसुन, मांस, मछली, शराब आदि जैसे खाद्य पदार्थों से दूर रहें. 6- उपवास कर रहे हैं तो दोपहर में भूल से भी सोए नहीं. मार्गशीर्ष पूर्णिमा की धार्मिक अहमियत:- पौराणिक मान्यता के मुताबिक, मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर व्रत तथा पूजा से नारायण की खास कृपा प्राप्त होता है. इस दिन तुलसी की जड़ की मिट्टी से पवित्र नदी, सरोवर अथवा कुंड में स्नान करना चाहिए. बोलते हैं कि इस दिन किये जाने वाले दान का फल अन्य पूर्णिमा की तुलना में 32 गुना ज्यादा प्राप्त होता है, इसलिए इसे बत्तीसी पूर्णिमा भी बोला जाता है. मार्गशीर्ष पूर्णिमा के मौके पर भगवान सत्यनारायण की आराधना व कथा भी कही जाती है. इन चीजों का बार-बार गिरना है बहुत ही अशुभ, जानिए इनके संकेत घर में पूजा-पाठ के दौरान जरूर रखे इन 5 बातों का ध्यान ब्रह्मा, विष्णु, महेश का रूप है भगवान दत्तात्रेय, जानिए इसकी कथा