पूर्णिमा तिथि, पूर्णत्व की तिथि मानी जाती है. इस तिथि को चन्द्रमा सम्पूर्ण होता है. सूर्य और चन्द्रमा समसप्तक होते हैं. इस शुभ दिन जल और वातावरण में विशेष ऊर्जा आ जाती है. चन्द्रमा पूर्णिमा तिथि पर पृथ्वी और जल तत्व को पूर्ण रूप से प्रभावित करने लगता है. चन्द्रमा इस तिथि के स्वामी होते हैं. अतः इस दिन हर तरह की मानसिक समस्याओं से मुक्ति मिल सकती है. इस दिन स्नान-दान और ध्यान विशेष फलदायी होता है. इस दिन श्री हरि या शिव जी की उपासना अवश्य करनी चाहिए. मार्गशीर्ष पूर्णिमा का विशेष महत्व क्या है? - इस दिन को दैवीयता का दिन माना जाता है - महीनों में सबसे पवित्र माह का अंतिम दिन है - इस दिन ध्यान दान और स्नान विशेष लाभकारी होता है - इस दिन चन्द्रमा को अमृत से सिंचित किया गया था - अतः इस दिन चन्द्रमा की उपासना जरूर करना चाहिए इस बार की पूर्णिमा की खास बातें क्या हैं? - चन्द्रमा अपनी सबसे मजबूत स्थिति में रहेगा - बृहस्पति चन्द्रमा का गजकेसरी योग भी होगा - अमृत और अमरता का कारक चन्द्रमा भी बलवान होगा - इसके अलावा सुख को बढ़ाने वाला ग्रह शुक्र भी स्वगृही होगा - इस पूर्णिमा को स्नान और दान करने से चन्द्रमा की पीड़ा से मुक्ति मिलेगी - साथ ही साथ आर्थिक स्थिति भी अच्छी होती जाएगी किस प्रकार करें आज स्नान और ध्यान? - प्रातः काल स्नान के पूर्व संकल्प लें - जल में तुलसी के पत्ते डालें - पहले जल को सर पर लगाकर प्रणाम करें आज जरूर करें दत्तात्रेय स्त्रोत का पाठ, हर काम होगा सफल आज है दत्ता जयंती, ऐसे हुआ था उनका जन्म जब ओशो ने अमेरिका में बसाई अपनी मायावी दुनिया